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२, ११, ६७.] अप्पाबहुगाणुगमे कायमग्गणा
बादरपुढविकाइया असंखेज्जगुणा ॥ ६४॥
गुणगारपमाणमसंखेज्जा लोगा। तेसिमद्धछेदणयसलागाओ पलिदोयमस्स असंखेन्जदिभागो।
बादरआउकाइया असंखेजगुणा ॥ ६५ ॥
एत्थ गुणगारो असंखेज्जा लोगा। तस्सद्धछेदणयसलागाओ पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो।
बादरवाउकाइया असंखेज्जगुणा ॥ ६६॥
एत्थ गुणगारो असंखेज्जा लोगा। गुणगारद्धछेदणयसलागाओ पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो । बादरवाउकाइयाणं पुण अद्धछेदणयसलागा संपुण्णं सागरोवमं ।
सुहुमतेउकाइया असंखेज्जगुणा ॥ ६७ ॥
एत्थ गुणगारो असंखेज्जा लोगा। गुणगारद्धछेदणयसलागाओ वि असंखेज्जा लोगा।
बादर निगोद जीव निगोदप्रतिष्ठितोंसे बादर पृथिवीकायिक जीव असंख्यातगुणे हैं ।। ६४ ॥
गुणकारका प्रमाण असंख्यात लोक है । उनकी अर्द्धच्छेदशलाकायें पल्योपमके भसंख्यातवें भागप्रमाण हैं।
चादर पृथिवीकायिकोंसे बादर अप्कायिक जीव असंख्यातगुणे हैं ।। ६५ ॥
यहां गुणकार असंख्यात लोकप्रमाण है । उसकी अर्द्धच्छेदशलाकायें पल्योपमके असंख्यातवें भाग हैं।
बादर अप्कायिकोंसे बादर वाउकायिक जीव असंख्यातगुणे हैं ॥ ६६ ॥ ___ यहां गुणकार असंख्यात लोक है । गुणकारकी अर्द्धच्छेदशलाकायें पल्योपमके असंख्यातवें भागप्रमाण हैं । परन्तु बादर वायुकायिक जीवोंकी अर्द्धच्छेदशलाकायें सम्पूर्ण सागरोपमप्रमाण हैं।
बादर वायुकायिकोंसे सूक्ष्म तेजस्कायिक जीव असंख्यातगुणे हैं ॥ ६७॥
यहां गुणकार असंख्यात लोक है। गुणकारकी अर्द्धच्छेदशलाकायें भी असंख्यात लोकप्रमाण हैं।
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