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छक्खंडागमे खुद्दाबंधो
[२, १०, ८१.
सुगमं ।
अणंता भागा ॥ ८४ ॥
कुदो ? असण्णीहि फलगुणिदसव्वजीवरासिम्हि भागे हिदे सगअणंतभागसहिदएगसलागोवलंभादो।
आहाराणुवादेण आहारा सबजीवाणं केवडिओ भागो ? ॥ ८५॥
सुगमं । असंखेज्जा भागा ॥ ८६ ॥
कुदो ? एदेहि फलगुणिदसवजीवरासिम्हि भागे हिदे सगअसंखेज्जदिभागसहिदएगसलागोवलंभादो ।
अणाहारा सव्वजीवाणं केवडिओ भागो ? ॥ ८७ ॥
यह सूत्र सुगम है। असंज्ञी जीव सब जीवोंके अनन्त बहुभागप्रमाण हैं ॥ ८४ ॥
क्योंकि, असंही जीवोंका फलगुणित सर्व जीवराशिमें भाग देनेपर अपने अनन्त भाग सहित एक शलाका उपलब्ध होती है।
आहारमार्गणाके अनुसार आहारक जीव सब जीवोंके कितने भागप्रमाण हैं ? ॥ ८५॥
यह सूत्र सुगम है। आहारक जीव सब जीवोंके असंख्यात बहुभागप्रमाण हैं ।। ८६ ॥
क्योंकि, इनका फलगुणित सर्व जीवराशिमें भाग देनेपर अपने असंख्यातवे भाग सहित एक शलाका उपलब्ध होती है।
अनाहारक जीव सब जीवोंके कितनेवें भागप्रमाण हैं ? ॥ ८७ ॥
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