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________________ विदियमहादंडयचूलियासुत्ताणि सूत्र संख्या सूत्र __ पृष्ठ सूत्र संख्या सूत्र पृष्ठ १ तत्थ इमो विदियो महादंडओ रस-फासं मणुसगदिपाओग्गाणुकाव्यो भवदि। १४० पुधी अगुरुअलहुअ-उवघाद२ पंचण्हं णाणावरणीयाणं णवण्हं परघाद-उस्सास-पसत्थविहायदसणावरणीयाणं सादावेदणीयं गदी तस-बादर-पज्जत्त-पत्तेयमिच्छत्तं सोलसण्हं कसायाणं सरीर-थिर-सुभ-सुभग-सुस्सरपुरिसवेद-हस्स-रदि-भय-दुगुंछा। आदेज-जसकित्ति-णिमिण-उच्चाआउअं च ण बंधदि। मणुस गोदं पंचण्हमंतराइयाणं एदाओ गदि-पंचिंदियजादि-ओरालिय पयडीओ बंधदि पढमतेजा-कम्मइयसरीर-समचउरस सम्मत्ताहिमुहो अधो सत्तमाए संठाणं ओरालियसरीरअंगोवंगं पुढवीए णेरइयं वज्ज देवो वा वज्जरिसहसंघडणं वण्ण-गंध णेरइओ वा। १४१ तदियमहादंडयचूलियासुत्ताणि सूत्र संख्या सूत्र पृष्ठ सूत्र संख्या सूत्र १ तत्थ इमो तदिओ महादंडओ रस-फास-तिरिक्खगदिपाओकादयो भवदि । १४२ ग्गाणुपुवी अगुरुअलहुव२ पंचण्हं णाणावरणीयाणं णवण्हं उवघाद-(परघाद ) उस्सासं । उज्जोवं सिया बंधदि सिया ण दसणावरणीयाणं सादावेदणीयं बंधदि । पसत्थविहायगदि-तसमिच्छत्तं सोलसहं कसा बादर-पज्जत्त-पत्तेयसरीर-थिरयाणं पुरिसवेद-हस्स-रदि-भय (सुभ-) सुभग-सुस्सर-आदेज्जदुगुंछा । आउगं च ण बंधदि । जसकित्ति-णिमिण-णीचागोदतिरिक्खगदि--पंचिंदियजादि पंचण्हमंतराइयाणं एदाओ ओरालिय-तेजा-कम्मइयसरीर पयडीओ बंधदि पढमसम्मत्तासमचउरससंठाण-ओरालियअंगो- हिमुहो अधो सत्तमाए पुढवीए वंग-बजारिसहसंघडण-वण्ण-गंध णेरइओ। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001400
Book TitleShatkhandagama Pustak 06
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1943
Total Pages615
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size13 MB
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