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पृष्ठ नं.
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पखंडागमको प्रस्तावना क्रम नं. विषय पृष्ठ नं. | क्रम नं. विषय ३७ छठी पृथिवीके नारकियोंकी
तथा सौधर्म-ईशानकल्पवा___आगति और गुणोंकी प्राप्ति ।
सिनी देवियोंकी आगति और ३८ पंचम पृथिवीके नारकियोंकी
गुणोंकी प्राप्ति। ___ आगति और गुणोंकी प्राप्ति। ४८७ | ४४ बौद्धों द्वारा माना हुआ ३९ चतुर्थ पृथिवीके नारकियोंकी
मोक्षस्वरूप एवं उसका
निरसन । आगति और गुणोंकी प्राप्ति एवं मोक्षका स्वरूप दिखलाते | ४५ सौधर्मादि सहस्रारकल्पवासी हुए कपिल, नैयायिक, वैशे
देवोंकी आगति और गुणोंकी षिक, सांख्य, मीमांसक और
प्राप्ति। तार्किकोंके मतोंका निराकरण । ૪૮૮
४६ आनतादि नवौवेयकविमा४० तीन उपरिम पृथिवीके नार
नवासी देवोंकी आगति और कियोंकी आगति और गुण
गुणोंकी प्राप्ति । प्राप्ति ।
|| ४७ अनुदिशादि अपराजित ४१ तिर्यंच और मनुष्योंकी गति
विमानवासी देवोंकी आगति एवं गुणोंकी प्राप्ति ।
__ और गुणोंकी प्राप्ति । ४२ देवोंकी आगति और गुणोंकी
४८ सर्वार्थसिद्धिविमानवासी प्राप्ति।
देवोंकी आगति और गुणोंकी ४९४
प्राप्ति तथा सिद्धोंमें वुद्धिके ४३ भवनवासी, वानव्यन्तर
अभावादिको माननेवाले और ज्योतिषी देव-देवियों
मतोका निरसन ।
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