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३३८ ] छक्खंडागमे जीवट्ठाणं
[१, ९-८, ११. जाव असंखेज्जाणं समयपवद्धाणमुदीरणा सो कालो संखेज्जगुणो । उवसामगस्स असंखेज्जाणं समयपबद्धाणमुदीरणकालो विसेसाहियो' । पडिवदमाणयस्स अणियट्टिअद्धा संखेज्जगुणा । उक्सामगस्स अणियट्टिअद्धा विसेसाहिया । पडिवदमाणयस्स अपुन्चकरणद्धा संखज्जगुणा । उवसामगस्स अपुन्यकरणद्धा विसेसाहिया' । पडिवदमाणयस्स उक्कस्सओ गुणसेढिणिक्खेवो विसेसाहिओ । उवसामयस्स अपुवकरणस्स पढमसमए गुणसेढिणिक्खेवो विसेसाहिओ । उवसामगस्स कोधवेदगद्धा संखेज्जगुणा । अधापवत्तसंजदस्स गुणसेढिणिक्खेवो संखेज्जगुणो। दंसणमोहणीयस्स उवसंतद्धा संखेज्जगुणा । चारित्तमोहणीयस्स उवसामओ अंतरं करेंतो जाओ द्विदीओ उक्कीरदि ताओ संखेज्जगुणाओ । दसणमोहणीयस्स अंतरविदीओ संखेज्जगुणाओ । जहणिया आवाधा संखेज्जगुणा । उक्कस्सिया आनाधा संखेज्जगुणा | उवसामगस्स मोहणीयस्स जहण्णगो
उदीरणा होती है तब तकका वह काल संख्यातगुणा है (३६)। उपशामकके असंख्यात समयप्रबद्धोंकी उदीरणाका काल विशेष अधिक है ( ३७ ) । उतरनेवालेका अनिवृत्ति. करणकाल संख्यातगुणा है (३८)। उपशामकका अनिवृत्तिकरणकाल विशेष अधिक है (३९)। उतरनेवालेका अपूर्वकरणकाल संख्यातगुणा है (४०)। उपशामकका अपूर्वकरणकाल विशेष अधिक है (४१)। उतरनेवालेका उत्कृष्ट गुणश्रेणिनिक्षेप विशेष अधिक है (४२)। उपशामकके अपूर्वकरणके प्रथम समयमें गुणश्रेणिनिक्षेप विशेष अधिक है (४३)। उपशामकका क्रोधवेदककाल संख्यातगुणा है (४४)। अधःप्रवृत्तसंयतका गुणश्रेणिनिक्षेप संख्यातगुणा है (४५)। दर्शनमोहनीयका उपशान्तकाल संख्यातगुणा है (४६)। चारित्रमोहनीयका उपशामक अन्तर करता हुआ जिन स्थितियोंका उत्कीरण करता है वे संख्यातगुणी हैं (४७)। दर्शनमोहनीयकी अन्तरस्थितियां संख्यातगुणी हैं (४८)। जघन्य आबाधा संख्यातगुणी है (४९)। उत्कृष्ट आबाधा संख्यातगुणी है (५०)। उपशामकके मोहनीयका जघन्य स्थितिवन्ध संख्यातगुणा है (५१)। उतरने
१ चडणस्स असंखाणं समयपनद्धाणुदीरणाकालो। संखगुणो चडणस्स य तक्कालो होदि अहिया य ॥ लब्धि. ३७५.
__ २ पडणाणियट्टियद्धा संखगुणा चडणगा विसेसहिया। पडमाणा पुव्वद्धा संखगुणा चडणगा अहिया ॥ रून्धि. ३७६.
३ पडिवडवरगुणसेढी चढमाणापुव्वपढमगुणसेढी । अहियकमा उवसामगकोहस्स य वेदगदा हु॥ लम्भि.३७७. ४ संजदअधापवत्तगगुणसेढी दंसणोवसंतद्धा। चारितंतरिगठिदी दसणमोहंतरठिदीओ॥ लन्धि. ३७८. ५ प्रतिषु जहण्णियस्स' इति पाठः ।
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