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१, ८, ३१८.] अप्पाबहुगाणुगमे सुक्कलेस्सिय-अप्पाबहुगपरूवणं
को गुणगारो ? ओघसिद्धो । अप्पमत्तसंजदा अक्खवा अणुवसमा संखेज्जगुणा ॥ ३१४ ॥ को गुणगारो ? संखेज्जसमया । पमत्तसंजदा संखेज्जगुणा ॥३१५॥ को गुणगारो ? दोण्णि रूवाणि । संजदासजदा असंखेजगुणा ॥ ३१६ ॥
को गुणगारो ? पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो, असंखेज्जाणि पलिदोवमपढमवग्गमूलाणि ।
सासणसम्मादिट्ठी असंखेज्जगुणा ॥ ३१७॥ को गुणगारो ? आवलियाए असंखेज्जदिभागो । सम्मामिच्छादिट्ठी संखेज्जगुणा ॥३१८ ॥ गुणकार क्या है ? ओघमें बतलाया गया गुणकार ही यहांपर गुणकार है।
शुक्ललेश्यावालोंमें सयोगिकेवली जिनोंसे अक्षपक और अनुपशामक अप्रमत्तसंयत जीव संख्यातगुणित हैं ॥ ३१४ ॥
गुणकार क्या है ? संख्यात समय गुणकार है। शुक्ललेश्यावालोंमें अप्रमत्तसंयतोंसे प्रमत्तसंयत जीव संख्यातगुणित हैं ॥३१५॥ गुणकार क्या है ? दो रूप गुणकार है। शुक्ललेश्यावालोंमें प्रमत्तसंयतोंसे संयतासंयत जीव असंख्यातगुणित हैं ॥३१६॥
गुणकार क्या है ? पल्योपमका असंख्यातवां भाग गुणकार है, जो पल्योपमके असंख्यात प्रथम वर्गमूलप्रमाण है।
शुक्ललेश्यावालोंमें संयतासंयतोंसे सासादनसम्यग्दृष्टि जीव असंख्यातगुणित हैं ॥ ३१७॥
गुणकार क्या है ? आवलीका असंख्यातवां भाग गुणकार है।
शुक्ललेश्यावालोंमें सासादनसम्यग्दृष्टियोंसे सम्यग्मिध्यादृष्टि जीव संख्यातगुणित हैं ॥ ३१८॥
........................... १ अप्रमत्तसंयताः संख्येयगुणाः । स. सि. १, ८. २ प्रमत्तसंयताः संख्येयगुणाः । स. सि. १, ८. ३ संयतासंयताः (अ.) संख्येयगुणाः । स. सि. १,८. ४ सासादनसम्यग्दृष्टयः (अ.) संख्येयगुणाः । स. सि. १,८. ५ सम्यग्मिध्यादृष्टयः संख्येयगुणाः । स. सि. १,८.
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