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________________ पृष्ठ नं. १८-१९ १९-२० २०-२१ २२-२४ २४-२५ ४ क्षेत्रानुगम-विषय-सूची क्रम नं. विषय पृष्ठ नं क्रम नं. विषय |११ मृदंगाकार लोक घनलोकके विषयकी उत्थानिका १-९ संख्यातवें भाग है, यह बतलाकर घनलोकको ही प्रमाणलोक या १ धवलाकारका मंगलाचरण और प्रतिज्ञा द्रव्यलोक मानने में युक्ति १२ लोकका आयाम,विष्कम्भ और २ क्षेत्रानुगमकी अपेक्षा निर्देश भेद-कथन उत्सेधका निरूपण ३ क्षेत्रानुयोगद्वारके अवतारकी १३ लोकका तीनसौ तेतालीस घनउपयोगिता राजु न मानने पर दो सूत्रगाथा ओंके अप्रमाणताका अनिष्टा४निक्षेपकी उपयोगिता, उसका पादन स्वरूप और भेद, तथा निक्षे. पोंका नयों में अन्तर्भाव १४ असंख्यातप्रदेशी लोकमें अनन्त जीव कैसे रह सकते हैं, इस ५ क्षेत्रशब्दकी निरुक्ति, एकार्थ आशंकाका परिहार वाचक नाम, तथा निर्देशादि १५ आकाशकी अवगाहना शक्तिका छह अनुयोगद्वारोंसे क्षेत्रपदार्थ का निर्णय ६ लोकशब्दकी निरुक्ति, भेद और जीवोंकी स्वस्थान, समुद्धात उसका स्वरूप और उपपाद, इन तीन अवस्था७ क्षेत्रानुगमका अर्थ तथा निर्देश ओके भेद व स्वरूपका वर्णन का स्वरूप १७ स्वस्थानस्वस्थान, विहारव. स्वस्थान, सात समुद्धात और उपपाद, इन दश अवस्थाओं के ओघसे क्षेत्रानुगमनिर्देश १०.५६ द्वारा यथासंभव मिथ्यादृष्टि ८ मिथ्यादृष्टि जीवोंका क्षेत्र आदि चौदह जीवसमासोंके निरूपण १० क्षेत्र-निरूपणकी प्रतिज्ञा, तथा ९ लोक पदसे घनलोकका ही स्वस्थानस्वस्थान आदि राशिअभिप्राय है, इस बातका शंका योका प्रमाण-निरूपण समाधानपूर्वक समर्थन १०-११ १८ अधोलोक और ऊर्ध्वलोकका १० अन्य-आचार्य-प्ररूपित मृदंगा प्रमाण कार लोकके प्रमाणका निरूपण १९ त्रसकायिक पर्याप्तराशिके और सत्सम्बन्धी घनफल संण्यातवें भाग-प्रमाण विहार. निकालनेके लिए सूर्पाकार, घत्स्वस्थानराशिका गुणकार भायतचतुरस्र, त्रिकोण आदि संख्यात घनांग्रल कैसे जाना? भनेक आकारोकी कल्पना तथा इस शंकाका समाधान उनके प्रमाणका निर्णय आदि १२-१८२० भ्रमरक्षेत्रके निकालनेका विधान ७-८, निरूपण २६-३० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001398
Book TitleShatkhandagama Pustak 04
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1942
Total Pages646
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size14 MB
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