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अब मूल पाठानुसार
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पाठसंबंधी विशेष सूचना
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किन्तु यह उदाहरण बनता तभी है, जब यह मान लिया जाय कि अनन्तमें एक घटाने व एक बढ़ानेसे अनन्त ही रहता है । अतएव यह उदाहरण अंकसंदृष्टिसे नहीं बतलाया जा
सकता ।
११ पाठसंबंधी विशेष सूचना
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पृ. २८८ की पंक्ति ९ में ' एवं जोइसिय
आदिसे लगाकर पृ. २९०
पंक्ति २ के 'गपदत्तादो' तकका पाठ प्रतियोंमें व मूडबिद्रीकी प्रतिमें निम्न प्रकार है, जो धवलाकारकी अन्यत्र पाठ-व्यवस्था से कुछ भिन्न है । हमने उसे मुद्रणमें अन्यत्रकी व्यवस्थानुसार कुछ हेरफेरसे रख दिया है और उसका कारण भी वहीं दे दिया है । किन्तु पाठकों की सूचना के लिये वह पूरा पाठ प्रतियोंके अनुसार यहां दिया जाता है
परस्थाणे पयदं । सन्त्रत्थोवो असंजदसम्माइट्ठिअवहारकालो । एवं यव्वं जाव पलिदोवमोचि । तदो उवरि मिच्छाइट्ठिअवहारकालो असंखेज्जगुणो । को गुणगारो ? सगअवहारकालस्स असंखेज्जदिभागो । को पडिभागो ? पलिदोवमो । अहवा पदरंगुलस्त असंखेज्जदिभागो असंखेज्जाणि सूचिअंगुलाणि । केत्तियमेत्ताणि १ सूचिअंगुलस्स असंखेज्जदिभागमेत्ताणि । को पडिभागो ? परिदोत्रमस्स संखेज्जदिभागो । उवरि सत्थानभंगो । एवं जोइसियवाणवंतराणं पिणेयवं । भवणवासियाणं सत्थाणे सन्वत्थोवा मिच्छाइट्ठिविक्खंभसूई | अवहारकालो असंखेज्जगुगे । को गुणगारो ? सगअवहारकालस्स असंखेज्जदिभागो । को पडिभागो ? विक्खंभसूई | अहवा सेढीए असंखेज्जदिभागो असंखेज्जाणि सेठिपढमवग्गमूलाणि । को पडिभागो ? विक्खंभसूचिवग्गो | अहवा घणंगुलं । सेढी असंखेज्जगुणा । को गुणगारो ? सगविक्खंभसूई । दव्वमसंखेज्जगुगं । को गुणगारो ? विक्खंभसूई | पदरमसंखेज्जगुणं । को गुगगारो ? अवहारकालो । लोगो असंखेज्जगुगो । को गुणगारो ? सेढी । सासणादीणं मूलोघभंगो । भवणवासियाणं सम्वत्थोवो असंजदसम्माइट्ठिअवहारकालो । एवं यडवं जाव प्रलिदोवमोति । तदो उवरि भवणवासिय मि च्छाइट्ठिविक्खंभसूई असंखेज्जगुणा । को गुणगारो ? सगविक्खंभसूईए असंखेज्जदिभागो । को पडिभागो ? पलिदोवमो | अहवा पदरंगुलस्स असंखेज्जदिभागो असं
जाणि सूचिअंगुलाणि । केत्तियमेत्ताणि ? सूचिअंगुलपढमवग्गमूलस्स असंखेज्जदिभागमेत्ताणि । को पडि भागो ? पलिदोवमो | उवरि सगसत्थाणभंगो । सोहम्मादि जाव उवरिमउवरिमगेवज्जो त्ति सत्थाणप्पा बहुगं जाणिय यव्वं । उवरि परस्थाणं णस्थि, तत्थ से सगुणद्वाणाणमभावादो । सब्वट्टे सत्थाणं पि णत्थि एकपदचादो ।
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