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षट्खंडागमकी प्रस्तवना मार्गणास्थानोंके भीतर बतलाई गई राशियोंका बहुत्यसे अल्पत्वकी ओर क्रम जहांतक हमारे विचारमें आया है, निम्न प्रकार है
अनन्त १ असंयमी २ अचक्षुदर्शनी ३ कुमति । ४ कुश्रुत । ५ मिथ्यादृष्टि ६ नपुंसकवेदी ७तियंच ८ असंही ९ काययोगी १० एकेन्द्रिय ११ वनस्पतिकायिक १२ भव्य १३ आहारक १४ अनाहारक १५ कृष्ण लेश्या १६ नील , १७ कापोत,, १८ लोभ कषायी १९ माया , २० क्रोध , २१ मान , २२ सिद्ध २३ अभव्य
असंख्यात
संख्यात २४ वायुकायिक
५६ सामायिकसंयत । २५ जल
५७ छदोपस्थापना ," २६ पृथिवी,
५८ यथाख्यात २७ तेज "
५९ केवलज्ञानी २८ त्रस ,
६० केवलदर्शनी २९ वचनयोगी
६१ परिहारसंयत ३० द्वीन्द्रिय
६२ मनःपर्ययज्ञानी ३१ त्राीन्द्रय
६३ सूक्ष्मसांपरायसंयत ३२ चतुरिन्द्रिय ३३ चक्षुदर्शनी ३४ पंचेन्द्रिय ३५ संशी ३६ मनोयोगी ३७ विभंगशानी ३८ देवगति ३९ स्त्रीवेदी ४० नारक ४१ पुरुषवेदी ४२ मनुष्य ४३ पीतलेश्या ४४ पद्म ,, ४५ मतिज्ञानी। ४६ श्रुत ," ४७ अवधि, । ४८ अवधिदर्शनी ४९ शुक्ललेश्या ५०क्षायोपशमिकसम्यक्त्वी. ५१ क्षायिक ५२ औपशमिक , ५३ मिश्र ५४ सासादन ५५ देशसंयत
अनन्त राशियां २३, असंख्यात राशियां २४-५५३३२, संख्यात ५६-६३८; कुल ६३.
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