SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 473
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३८.] छक्खंडागमे जीवट्ठाणं [ १, २, १०२. केत्तियमेत्तेण ? बादरणिगोदपदिट्ठिदपज्जत्तमेत्तेण । बादरणिगोदपज्जत्ता अणंतगुणा । को गुणगारो ? सगरासिस्स असंखेजदिभागो। तस्स को पडिभागो ? बादरणिगोदपदिविदा पडिभागो। बादरवणप्फइकाइयपज्जचा विसेसाहिया । केत्तियमेत्तेण ? बादरवण प्फइकाइयपत्तेयसरीरपजत्तमेत्तेण । बादरणिगोदअपजत्ता असंखेज्जगुणा । को गुणगारो ? असंखेज्जा लोगा । बादरवणप्फइकाइयअपज्जत्ता विसेसाहिया । केत्तियमेत्तेण ? बादरवणप्फइकाइयपत्तेयसरीरअपजत्तमेत्तेण । बादरणिगोदा विसेसाहिया । केत्तियमेत्तेण ? पत्तेयसरीरअपज्जत्तेणूणवादरणिगोदपज्जत्तमेत्तेण । बादरवणप्फइकाइया विसे साहिया। केत्तियमेत्तेण ? बादरवणप्फदिपत्तेयसरीरमेत्तेण । सुहुमवणप्फइकाइयअपज्जत्ता असंखेजगुणा। को गुणगारो? असंखेज्जा लोगा । णिगोदअपज्जत्ता विसेसाहिया । केत्तियमेत्तेण ? बादरणिगोदअपजत्तमेत्तेण । वणप्फइकाइयअपज्जत्ता विसेसाहिया । केत्तियमेत्तेण ? बादरवणप्फइकाइयपत्तेय गुणकार है । बादर निगोदप्रतिष्ठित जीव बादर निगोदप्रतिष्ठित अपर्याप्तोंसे विशेष अधिक हैं । कितनेमात्र विशेषसे अधिक हैं ? वादर निगोदप्रतिष्ठित पर्याप्त जीवोंका जितना प्रमाण है तन्मात्र विशेषसे अधिक हैं । बादर निगोद पर्याप्त जीव बादर निगोदप्रतिष्ठित जीवोंसे अनन्तगुणे हैं। गुणकार क्या है ? अपनी राशिका असंख्यातवां भाग गुणकार है। उसका प्रतिभाग क्या है ? बादर निगोदप्रतिष्ठित जीवोंका प्रमाण प्रतिभाग है। बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्त जीव बादर निगोद पर्याप्तोंके प्रमाणसे विशेष अधिक हैं। कितनेमात्र विशेषसे अधिक हैं ? बादर वनस्पतिकायिक प्रत्येकशरीर पर्याप्तोंका जितना प्रमाण है तन्मात्र विशेषसे अधिक है। बादर निगोद अपर्याप्त जीव बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तोंके प्रमाणसे असंख्यातगुणे हैं। गुणकार क्या है ? असंख्यात लोक गुणकार है। बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्त जीव बादर निगोद अपर्याप्तोंके प्रमाणसे विशेष अधिक हैं । कितनेमात्र विशेषसे अधिक हैं। बादर वनस्पतिकायिक प्रत्येकशरीर अपर्याप्तोंका जितना प्रमाण है तन्मात्र विशेषसे अधिक हैं। बादर निगोद जीव बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्त जीवोंसे विशेष अधिक हैं। कितनेमात्र विशेषसे अधिक हैं ? प्रत्येकशरीर अपर्याप्तोंके प्रमाणसे न्यून बादर निगोद पर्याप्तोंका जितना प्रमाण हो तन्मात्र विशेषसे अधिक हैं। बादर वनस्पतिकायिक जीव बादर निगोद जीवोंसे विशेष अधिक हैं। कितनेमात्र विशेषसे अधिक हैं ? बादर वनस्पतिकायिक प्रत्येकशरीर जीवोंका जितना प्रमाण है तन्मात्र विशेषसे अधिक हैं । सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्त जीव बादर वनस्पतिकायिक जीवोंसे असंण्यातगुणे हैं । गुणकार क्या है ? असंख्यात लोक गुणकार है। निगोद अपर्याप्त जीव सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्तोंसे विशेष अधिक है। कितनेमात्र विशेषसे अधिक हैं ? बादर निगोद अपर्याप्त जीवोंका जितना प्रमाण है तन्मात्र विशेषसे अधिक हैं। वनस्पतिकायिक अपर्याप्त जीव निगोद अपर्याप्तोंसे विशेष अधिक हैं। कितनेमात्र विशेषसे अधिक हैं ? बादर घनस्पतिकायिक प्रत्येकशरीर अपर्याप्तोंका जितना प्रमाण है तन्मात्र विशेषसे अधिक हैं। सूक्ष्म Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001397
Book TitleShatkhandagama Pustak 03
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1941
Total Pages626
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy