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________________ २१२ ] छक्खंडागमे जीवद्वाणं [ १, २, २३. कालो असंखेज्जगुणो । को गुणगारो ? वारसवग्गमूलस्स असंखेज्जदिभागो असंखे आणि तेरसवग्गमूलाणि । तस्स को पडिभागो ! घणंगुलविदियवग्गमूलं । तदिय पुढविमिच्छाविहार कालो असंखेज्जगुणो । को गुणगारो १ दसमवग्गमूलस्स असंखेजदिभागो असंखेज्जाणि एक्कारसवग्गमूलाणि । को पडिभागो ? सेढिवारसवग्गमूलं । चउत्थपुढविमिच्छाइट्ठिअवहारकालो असंखेज्जगुणो । को गुणगारो ? अट्ठमवग्गमूलस्स असंखेजदिभागो असंखेज्जाणि णवमवग्गमूलाणि । को पडिभागो १ दसमवग्गमूलं । पंचमढवि मिच्छाअिवहार कालो असंखेज्जगुणो । को गुणगारो ? छट्ठवग्गमूलस्स असंखेजदिभागो असंखेज्जाणि सत्तमवग्गमूलाणि । तस्स को पडिभागो ? अट्टमवग्गमूलं । छट्ठपुढविमिच्छाइट्ठिअवहार कालो असंखेज्जगुणो । को गुणगारो ? तदियवग्गमूलस्स असंखेज्जदिभागो असंखेज्जाणि चउत्थवग्गमूलाणि । को पडिभागो ? छढवग्गमूलं । सत्तमपुढविमिच्छाइडिअवहारकालो असंखेज्जगुणो । को गुणगारो ? तदियवग्गमूलं । तस्सेव दव्वमसंखेज्जगुणं । को गुणगारो ? सेढिपढमवग्गमूलं । छट्ठपुढविमिच्छाइट्ठिदव्वं है । गुणकार क्या है ? जगश्रेणी के बारहवें वर्गमूलका असंख्यातवां भाग गुणकार है जो जगश्रेणी के असंख्यात तेरहवें वर्गमूलप्रमाण है । उसका प्रतिभाग क्या है ? घनांगुलका द्वितीय वर्गमूल प्रतिभाग है । दूसरी पृथिवीके मिथ्यादृष्टि अवहारकाल से तीसरी पृथिवीके मिथ्यादृष्टियोंका अवहारकाल असंख्यातगुणा है ? गुणकार क्या है ? जगश्रेणीके दशवें वर्गमूलका असंख्यातवां भाग गुणकार है जो जगश्रेणीके असंख्यात ग्यारहवें वर्गमूलप्रमाण है । प्रति भाग क्या है ? जगश्रेणीका बारहवां वर्गमूल प्रतिभाग है । तीसरी पृथिवीके मिध्यादृष्टि अवद्वारकालसे चौथी पृथिवीके मिथ्यादृष्टियोंका अवहारकाल असंख्यातगुणा है । गुणकार क्या है ? आठवें वर्गमूलका असंख्यातवां भाग गुणकार है जो जगश्रेणीके असंख्यात नौवें वर्गमूलप्रमाण है । प्रतिभाग क्या है ? दशवां वर्गमूल प्रतिभाग है । चौथी पृथिवीके मिध्यादृष्टि अवहारकालसे पांचवीं पृथिवीके मिथ्यादृष्टियोंका अवहारकाल असंख्यातगुणा है । गुणकार क्या है ? जगश्रेणी के छठवें वर्गमूलका असंख्यातवां भाग है जो असंख्यात सातवें वर्गमूलप्रमाण है । उसका प्रतिभाग क्या है ? जगश्रेणीका आठवा वर्गमूल प्रतिभाग है। पांचवी पृथिवीके मिथ्यादृष्टि अवहारकालसे छठी पृथिवीके मिध्यादृष्टियोंका अवहारकाल असंख्यातगुणा है। गुणकार क्या है ? जगश्रेणी के तीसरे वर्गमूलका असंख्यातवां भाग गुणकार है । जो जगश्रेणी के असंख्यात चौथे वर्गमूलप्रमाण है । प्रतिभाग क्या है ? जगश्रेणीका छठा वर्गमूल प्रतिभाग है । छठवीं पृथिवीके मिध्यादृष्टि अवहारकालसे सातवीं पृथिवीके मिध्यादृष्टियों का अवहारकाल असंख्यातगुणा है । गुणकार क्या है ? जगश्रेणीका तीसरा वर्गमूल गुणकार है । सातवीं पृथिव अवहारकालसे उसीका मिध्यादृष्टि द्रव्य असंख्यातगुणा है। गुणकार क्या है ? श्रेणीका प्रथम वर्गमूल गुणकार है। सातवीं पृथिवीके मिथ्यादृष्टि द्रव्यसे छठवीं पृथिवीका Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001397
Book TitleShatkhandagama Pustak 03
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1941
Total Pages626
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size15 MB
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