________________
१, २, ६. ]
दवमाणागमे सासण सम्माइट्ठिआदिपमाणपरूवणं
[ ८५
रासिस्स अद्धच्छेदणए कदे वि सासणसम्माइट्ठिरासी आगच्छदि । एवं सव्वत्थ परूवेदव्वं । अट्टरूपरूवणा गदा | घणाघणे वत्तइस्सा मो । घणाघणपल्लविदियवग्गमूलस्स असंखेज्जदिभागेण सासणसम्माइद्विरासिणा उवरि इच्छिद्रवग्गे भागे हिदे जं भागलद्धं तेण तहि चेव वग्गे भागे हिदे सासणसम्माइद्विरासी आगच्छदि । तस्स भागहारस्स अद्धच्छेदयमेते रासिस्स अद्धच्छेदणए कदे वि सास सम्माइरासी आगच्छदि । दिगहिदो गदो |
दिगुणगारं वत्तइस्सामो । पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागेण सासणसम्म इट्ठरासिणा उवरि इच्छिदवग्गे भागे हिदे जं भागलद्धं तेण तमेव वग्गं गुणेऊण तस्सुवरिम
उक्त भागहार के अर्धच्छेदप्रमाण उक्त भज्यमान राशिके अर्धच्छेद करने पर भी सासादन सम्यग्दृष्टि जीवराशि आती है ।
उदाहरण - उक्त भागहारके ८५ अर्धच्छेद होते हैं, अतः इतनीवार उक्त भज्यमान राशिके अर्धच्छेद करने पर भी २०४८ प्रमाण सासादन सम्यग्दृष्टिराशि आती है ।
इसीप्रकार सर्वत्र प्ररूपण करना चाहिये । इसप्रकार घनधारा समाप्त हुई । अब घनाघनधारामें गृहीतगृहीत उपरिम विकल्प बतलाते हैं
घनाघनपल्के द्वितीय वर्गमूलके असंख्यातवें भागरूप सासादनसम्यग्दृष्टि जीवराशिके प्रमाणका घनाघनपल्यके ऊपर इच्छित वर्गमें भाग देने पर जो भाग लब्ध आवे उसका उसी वर्ग में भाग देने पर सासादन सम्यग्दृष्टि जीवराशिका प्रमाण आता है ।
उदाहरण – घनाघन ६५५३६ का द्वितीय वर्गमूल १६६ १६ का असंख्यातवां भाग २ × १६,
= २०४८;
६५५३६' x ६५५३६' २०४८
१६' २x१६ ६५५३६' x ६५५३६' ६५५३६ x ३२
= २०४८.
उक्त भागहार के जितने अर्धच्छेद हों उतनीवार उक्त भज्यमान राशिके अर्धच्छेद करने पर भी सासादनसम्यग्दृष्टि जीवराशिका प्रमाण आता है ।
उदाहरण -- उक्त भागहारके २७७ अर्धच्छेद होते हैं, अतः इतनीवार उक्त भज्यमान राशिके अर्धच्छेद करने पर २०४८ प्रमाण सासादनसम्यग्दा राशि आती है । इसप्रकार गृहीतगृहीत उपरिम विकल्प समाप्त हुआ ।
= ६५५३६ x ३२१
अब गृहीतगुणकार उपरिम विकल्पको बतलाते हैं—पल्योपमके असंख्यातवें भागरूप सासादनसम्यग्दृष्टि जीवराशि के प्रमाणका पल्योपमके ऊपर इच्छित वर्गमें भाग देने पर जो भाग लब्ध आवे उससे उसी इच्छित वर्गको गुणित करके आई हुई लब्ध राशिका इच्छित वर्ग उपरिम वर्ग में भाग देने पर सासादनसम्यग्दृष्टि जीवराशिका प्रमाण आता है ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org