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महाबंधे तिणं गदी] [अ]बंधगा जीवा थोवा । देवगदिबंधगा जीवा संखेज० । मणुसगदिबंधगा जीवा अणंतगुणा । तिरिक्खगदिबंधगा जीवा संखेज्जगुणा । तिण्णि गदीणं बंधगा जीवा विसेसा० । सव्वत्थोवा चदुण्णं सरीराणं अबंधगा जीवा । वेउव्वियसरीरं बंधगा जीवा संखेज्जः । ओरालि. बंधगा० अणंतगु० । तेजाक० बंधगा. विसेसा० । वेउब्धिय अंगो० बंधगा जीवा थोवा । ओरालि० अंगो० बंधगा जीवा अणंतगु० । दोण्णं बंधगा जीवा विसे० । अबंधगा जीवा संखेन्ज । गदिभंगो आणुपुन्छि । सेसं ओघं ।
३१२. वेउब्वियका० वेउब्धियमि० देवोघं । ३१३. आहार० आहारमि० सव्वट्ठभंगो।
३१४. कम्मइ० ओरालिय-मिस्स-भंगो। णवरि सव्वत्थोवा छदसणा० अबधगा जीवा । थीणगिद्धि३ अबंधगा जीवा असंखे० । बंधगा जीवा अणंतगुणा । छदसणा० बंधगा जीवा विसेसा० । सव्वत्थोवा बारसक० अबंधगा जीवा । अणंताणुबंधि०४ अबंधगा जीवा असंखेजगुणा । मिच्छ० अबंधगा जीवा विसेसाहिया । बंधगा जीवा अणंतगु० । अणंताणुवं०४ बंधगा जीवा विसेसा० । वारसक० बंध० जीवा
तीन गति के[अ] बन्धक जीव स्तोक हैं। देवगतिके बन्धक जीव संख्यातगुणे हैं। मनुष्यगति के बन्धक जीव अनन्तगुणे हैं। तिर्यच गतिके बन्धक जीव असंख्यातगुणे हैं। तीनों गतिके बन्धक जीव विशेषाधिक हैं ।
विशेष—यहाँ नरकगतिका बन्ध नहीं होता है। इस कारण तीन गतियोंका वर्णन किया गया है।
चारों शरीरके अबन्धक जीव सर्वस्तोक हैं। वैक्रियिक शरीरके बन्धक जीव संख्यात. गुगे हैं। औदारिक शरीरके बन्धक जोव अनन्तगुणे हैं । तैजस कार्मण के बन्धक जीव विशेषाधिक हैं
वैक्रियिक अंगोपांगके बन्धक जीव स्तोक हैं। औदारिक अंगोपांगके बन्धक जीव अनन्तगणे हैं। दोनोंके बन्धक जीव विशेषाधिक हैं । अबन्धक जीव संख्यातगुणे हैं ।
आनुपूर्वी में गतिके समान भंग कहना चाहिए। शेष प्रकृतियोंमें ओघवत् जानना चाहिए।
३१२. वैक्रियिक काययोगी और वैक्रियिक मिश्रयोगीमें देवोंके ओघवत् जानना चाहिए।
३१३. आहारक काययोगी और आहारक मिश्रयोगीमें सर्वार्थसिद्धिके समान भंग हैं।
३१४. कार्मण काययोगियोंमें - औदारिक मिश्र काययोगीके समान भंग कहना चाहिए। विशेष यह है कि ६ दर्शनावरणके अबन्धक जीव सर्वस्तोक हैं। स्त्यानगृद्धि ३ के अबन्धक जीव असंख्यातगुणे हैं। बन्धक जीव अनन्तगुणे हैं। ६ दर्शनावरणके बन्धक जीव विशेषाधिक हैं। १२ कषायके अबन्धक जीव सर्वस्तोक हैं। अनन्तानुबन्धी ४ के अबन्धक जीव असंख्यातगुणे हैं । मिथ्यात्वके अबन्धक जीव विशेषाधिक हैं। बन्धक जीव अनन्तगुणे हैं । अनन्तानुबन्धी ४ के बन्धक जीव विशेषाधिक हैं । १२ कषायके बन्धक जीव विशेषाधिक
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