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महाबंधे णाणावरणीयभंगो। तिण्णि-आयु-वेउबियछक्कं आहारदुगं तित्थयरं बंधगा सबजी० केव० ? अणंतभागो । सन-आहार० केव० ? अणंतभागो । अबंधगा सव्वजी० केव०? असंखेजा भागा । सव्व० आहार० केव० ? अणंतभागो (गा) । एवं हस्सादीणं पत्तेगेण साधारणेण वेदभंगो कादन्यो। सव्व आयु० अंगोवंगं संघडणं आहार-गदि-सरं मोत्तूण । एदाणं पि सादभंगो पत्तेगेण साधारणेण वि । अणाहारगेसु-पंचणा० णवदंस० मिच्छत्त० सोलसक० भयदु० तेजाक० वण्ण०४ अगु० उप० णिमि० पंचंतराइगाणं.बंधगा सव्वजी० केव० १ असंखेजदिभागो। सव्व-अणाहारका० केव० ? अणंतभागा। अबंधगा सबजी० केव० १ अणंतभागो। सव्वअणाहार० केव० ? अणंतभागो । सादबंधगा सबजी० केव० १ असंखेजदिमागो। सव्वअणाहारगाणं केव० ? संखेजदिभागो। अबंधगा सव्वजी० केव० ? असंखेजदिभागो। सव्वअणाहारगेसु केव०१ संखेजा आगे ज्ञानावरणके समान भंग है। तीन आयु, वैक्रियिकषटक, आहारकद्विक, तीर्थकरके बन्धक सर्वजीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्तवें भाग हैं। सर्व आहारकोंके कितने भाग हैं ? अनन्तवें भाग हैं । अबन्धक सवजीवोंके कितने भाग हैं ? असंख्यात बहुभाग हैं । सर्व आहारकोंके कितने भाग हैं ? अनन्तवें भाग हैं (?)
विशेष—यहाँ अबन्धकोंका सर्व आहारकोंके 'अनन्त बहुभाग' पाठ उपयुक्त प्रतीत होता है।
हास्यादि प्रकृतियोंका प्रत्येक तथा साधारणसे वेदके समान भंग है । सर्व आयु, अंगोपांग, संहनन, आहारकद्विक, विहायोगति तथा स्वरके विषयमें वेदका पूर्वोक्त वर्णन नहीं लगाना चाहिए । इनका प्रत्येक तथा सामान्यसे साताके समान भंग है।
अनाहारकोंमें-५ ज्ञानावरण, ६ दर्शनावरण, मिथ्यात्व, १६ कषाय, भय, जुगुप्सा, तैजस कार्मणा, वर्ण ४, अगुरुलघु, उपघात, निर्माण तथा ५ अन्तरायके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? असंख्यातवें भाग हैं। सर्व अनाहारकोंके कितने भाग हैं ? अनन्त बहुभाग हैं । अबन्धक सर्वजीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्तवें भाग हैं। सर्व अनाहारकोंके कितने भाग हैं ? अनन्तवें भाग हैं । साताके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? असंख्यातवें भाग हैं । सर्व अनाहारकोंके कितने भाग हैं ? संख्यातवें भाग हैं । अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? असंख्यातवें भाग हैं। सर्व अनाहारकोंके कितने भाग हैं ? संख्यात बहुभाग हैं । असाताका प्रतिलोम क्रम जानना चाहिए।
विशेषार्थ-असाताके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? असंख्यातवें भाग हैं। सर्व अनाहारकोंके कितने भाग हैं ? संख्यात बहुभाग हैं । अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? असंख्यातवें भाग हैं । सर्व अनाहारकोंके कितने भाग हैं ? संख्यातवें भाग हैं।
१. अणाहारा सव्वजीवाणं केवडिओ, भागो ? असंखेज्जदिभागो। -८७,८८-खु०० भागाभा०।
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