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महाबंधे
वेउब्धिय-आहारसरी० अंगो० बंध० सन्त्र. केव० ? अगंतभागो। अबंध. सव्व० केवडि० १ अणंता भागा। तिण्णि अंगो० बंध० सव्वजीवा० केव० ? संखेज्जदिभागो । अबंध० सव्व० केव० १ संखेज्जा भा० । छस्संघ० परघादुस्सा० आदावुज्जो. दोविहा० दोसर० बंध० सव्व० केव० ? संखेज्जदिभागो। अबंध० सव्व० केव० ? संखेज्जा भागा। छस्संघ० दोविहा० दोसर० साधारणेण वि सादभंगो । तित्थयरं बंध० सव्व० केव० १ अणंतभागो । अबंधगा सव्व० केव० ? अणंता भागा।
१४८. आदेसेण णेरइगेसु० पंचणा० छदसणा० पारसक० भयदु० पंचिंदि०तिण्णिसरी०-ओरालि० अंगो० वण्ण०४ अगु०४ तस०४ णिमि० पंचंत० बंध० सव्व० केव० १ अणंतभागो। अबंधगा णत्थि । सादबंध० सव्व० केव० ? अणंतभागो। सव्वणेरइगाणं केव० १ संखेज्जदिभागो । अबंध० सव्व० केव० १ अणंतभागा (१) सव्वणेरडगाणं केव० १ संज्जा भागा। असाद० सव्व० केव० ? अणं० भागो । सव्व
विशेषार्थ-शंका - जब औदारिक शरीरके बन्धक सम्पूर्ण जीवोंके अनन्त बहुभाग हैं, तब औदारिक अंगोपांगके बन्धक सम्पूर्ण जीवोंके संख्यातवें भाग क्यों हैं ? समाधान -
औदारिक शरीरके बन्धक अधिक हैं, तथा औदारिक अंगोपांगके बन्धक कम हैं । अंगोपांगका बन्ध केवल त्रसोंके साथ पाया जाता है तथा औदारिक शरीरका बन्ध बस-स्थावर दोनों के साथ पाया जाता है।
वैक्रियिक-आहारक शरीरांगोपांगके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्तव भाग हैं। अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्त बहुभाग हैं। तीनों अंगोपांगके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? संख्यातवें भाग हैं। अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? संख्यात बहुभाग हैं। छह संहनन परघात, उच्छ्वास, आतप, उद्योत, २ विहायोगति तथा २ स्वरके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? संख्यातवें भाग हैं। अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? संख्यात बहुभाग हैं। सामान्यसे छह संहनन, २ विहायोगति, २ स्वरके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? तथा अबन्धक कितने भाग हैं ? इनका सातावेदनीयके समान भंग जानना चाहिए । अर्थात् बन्धक संख्यातवें भाग हैं और अबन्धक संख्यात बहुभाग है। तीर्थकर प्रकृति के बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्तवें भाग हैं । अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्त बहुभाग हैं।
१४८. आदेशसे-नरकगतिमें-५ ज्ञानावरण, ६ दशनावरण, १२ कषाय, भय, जुगुप्सा, पंचेन्द्रिय जाति, औदारिक-तैजस-कार्मण शरीर, औदारिक अंगोपांग, वर्ण ४, अगुरुलघु ४, त्रस ४, निर्माण, ५ अन्तरायके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्तवें भाग हैं। अबन्धक नहीं हैं।
साताके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्त वें भाग हैं । सम्पूर्ण नारकियोंके कितने भाग हैं ? संख्यातवें भाग हैं। अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्त बहुभाग हैं ( ?) सम्पूर्ण नारकियों के कितने भाग हैं ? संख्यात बहुभाग हैं।
विशेष-असाताके बन्धक सर्व जीवोंके अनन्तवें भाग कहे गये हैं, तब साताके अबन्धक भी सर्व जीवोंके अनन्तवें भाग होना चाहिए।अतः साताके अबन्धकोंमें अनन्तवें भाग पाठ उचित प्रतीत होता है।
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