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पयडिबंधाहियारो
१५६ सव्वजादि छस्संठा० तसथावरादि-णवयुग० दोगोदाणं एदेसिं साधारणेण बंध० सव्व० केव० ? अणंता भागा। अबंधगा सव्व० केव० ? अणंतभागो । णिरयमणुसदेवायुगाणं बंधना सब केव० भागो ? अणं० भागो। अबंधगा सबजी० केव०.? अणंतभागो ( ? ) । तिरिक्खायुबंध. सधजीवाणं केव० ? संखेज्जभागो । अबंधगा सबजी० केव० ? संखेज्जा भागा। चदु-आयु-बंधगा० सव्वजीवाणं केवडियो केव० ? संखेजदिभागो। अबंधगा सव्व० केव० १ संखेजा भागा। णिरयगदिदेवगदिबंध० सव्वजीवाण० केव०? अणंतभागो। अबंधगा सव्व० केव०? अणंता भागा। तिरिक्खगदिबंध० सव्व० केव० ? संखेजा भागा । अबंध० सव्व० केव० ? संखेजदिभागो। मणुसगदिवंध० सयजी० केव० ? संखेजदिभागो। अबंध० सब० केव०१ संखेजा भागा। चदुण्णं गदीणं बंध० सव्व० केव० ? अर्णता भागा। अबंध० सव्व० केव० ? अणंतभागो । एवं चदुण्णं आणुपुत्रीणं । ओरालिय० बंधगा सव्व० केव० ? अणंता भागा । अबंधगा सव्व० केव० ? अणंतो भागो। वेउव्विय-आहारसरी० बंधगा सव्व० केव० ? अणंतभागो । अबंध० सव्व. केव० ? अणंता भागा। तिण्णिसरीरार्ण बंध० सव्व० केव० १ अर्णता भागा। अबंध० सव्व० केव० १ अणंतभागो। ओरालियाअं० बंध० सव्व० केव० ? संखेज्ज०। अबंध. सव्व. केव० १ संखेज्ज । ६ संस्थान, त्रस-स्थावरादि ९ युगल, तथा दो गोत्र इनके सामान्यसे बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्त बहुभाग हैं । अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्तवें भाग हैं । नरकायु, मनुष्यायु तथा देवायुके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्तवें भाग हैं । अवन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्त बहु भाग हैं। तिर्यंचायुके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? संख्यातवें भाग हैं। अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? संख्यात बहुभाग हैं । चार आयुके बन्धक सब जीवोंके कितने भाग हैं । संख्यातवें भाग हैं । अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? संख्यात बहुभाग हैं। नरकगति-देवगति के बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्तवें भाग हैं। अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्त बहुभाग है । तियचगतिके बन्धक सवं जीवोंके कितने भाग है ? संख्यात बहभाग है। अबन्धक सवं जीवों के कितने भाग हैं ? संख्यातवें भाग हैं। मनुष्यगतिके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? संख्यातवें भाग हैं। अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? संख्यात बहुभाग हैं। चारों गतिके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्त बहुभाग हैं। अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्तवें भाग हैं। इसी प्रकार चारों आनुपूर्वीका जानना चाहिए । औदारिक शरीरके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्त बहुभाग हैं । अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्तवें भाग हैं। वैक्रियिक आहारक शरीरके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्तवें भाग हैं। अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्त बहुभाग हैं। तीन शरीरके बन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्त बहुभाग हैं। अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? अनन्तवें भाग हैं । औदारिक अंगोपांगके बन्धक सर्वजीवोंके कितने भाग हैं ? संख्यातवें भाग हैं। अबन्धक सर्व जीवोंके कितने भाग हैं ? संख्यात बहुभाग हैं।
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