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आमुख
डॉ. चन्द्र लिखित प्राकृत भाषाओं का तुलनात्मक व्याकरण नामक ग्रन्थ का द्वितीय संस्करण प्राकृत के अध्येताओं और विद्वानों के समक्ष रखते हुए प्राकृत ग्रन्थ परिषद् को प्रसन्नता हो रही है । द्वितीय संस्करण के प्रकाशन की आवश्यकता हुई यही दिखाता है कि ग्रन्थ उपयोगी सिद्ध हुआ है । इस दूसरे संस्करण में डॉ. चन्द्र ने कुछ नई सामग्री भी जोडी है जिससे पुस्तक की उपयोगीता ओर बढ़ गई है। उन्होंने तुलनात्मक और ऐतिहासिक दृष्टि से इस प्राकृत व्याकरण के पाठ्यपुस्तक का निर्माण किया है, अतः शुष्क विषय भी रोचक बन गया है। प्राकृत भाषाओं के अध्यापनकार्य में एक साधन के रूप में इस पुस्तक का उपयोग लाभप्रद बनेगा यह निश्चित है।
द. मा. प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी १२, भगतबाग, सोसायटी अहमदाबाद-३८०००७ मार्च १५, २००१
प्रधान सम्पादक नगीन जी. शाह र. म. शाह
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