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प्राकृत भाषाओं का तुलनात्मक व्याकरण आज्ञार्थ : तृ.पु. ए.व.: गच्छतु विधिलिङ्ग के प्राचीन रूप : अच्छे, अब्भे, इच्छे, लभे, समारंभे, हणे भूत कृदन्त : अक्खात, नात (ज्ञात), पवेदित, सुत प्रेरक रूप : कारेति, कारावेति कर्मणि प्रयोग : छिज्जति, वुच्चति
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