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परिशिष्ट
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उदाहरण : अनियाण, अनिल, अनुगच्छंति, अनुच्चे, इंदनील, खने, जवोदनं, धनुस्खण्डं, भोजनं, परिनिव्वुड, मारुदिना, मोनं,
सन्निधान, सिनाणं, सुनिट्ठिय, सुमिनं, सुहुमेनँ (सूक्ष्मेण) (द)नासिक्य व्यंजन युक्त निम्न संयुक्त व्यंजनों का परिवर्तन न में
पाया जाता हैं, ज्ञ-न्न : धम्मपन्नत्ती (धर्मप्रज्ञप्तिः), अन्नाणी (अज्ञानी), खेतन, (क्षेत्रज्ञ), पन्ना (प्रज्ञा), रनो (राज्ञः), विन्नाण (विज्ञान), नन्न : आवन्न, उप्पन्न, छिन, पडिवन, भिन्न, संपन्न न्यन्न : अन्न (अन्य), कन्ना (कन्या), जहन्न (जघन्य), धन्न (धन्य), मन्ने (मन्ये) प्रारंभिक ज्ञ का न होता है : नच्चा (ज्ञात्वा), नाण (ज्ञान), नात
(ज्ञात), नायव्य (ज्ञातव्य) ४. पदरचना के रूपों के कतिपय उदाहरण :
(अ) नाम-सर्वनाम प्र.ए.व. : पिता, माता प्र.ब.व. : पितरो, मातरो द्वि.ए.व. : पितरं, मातरं नपुंसक, प्र.द्वि.ब.व. : एताणि, कम्माणि, फलाणि, मधूणि, सप्पीणि, तृ.ए.व. : अरहता, भगवता, चेतसा, मणसा तृ.ब.व. : थीभि (स्त्रीभिः) पं.ए.व. : कतो, कुतो, कन्नातो, देवीतो, धम्मतो, भगवतो, सव्वतो स.ए.व. : भगवति सप्तमी ए.व. के प्राचीन विभक्ति प्रत्यय -'म्हि, -म्हि' : अग्गिम्हि, भिक्खुम्हि, कम्हि (ब) क्रिया-रूप वर्तमान काल तृतीय पुरुष एक वचन : अभिहणति, इच्छति, करेति, गच्छति, जाणति, सुणेति; चरते, सेवते
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