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कृदन्त एवं प्रयोग
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परिवर्तन के साथ मिलते हैं । कुछ अन्य उपलब्ध रूप भी नीचे दिये
ये हैं
( प्राकृत ) ( पालि ) ( अपभ्रंश ) ( प्राकृत )
करणिज्ज करणीय पूअणिज्ज पूजनीय होअव्व होतब्ब मारेव्वउ
करेव्वउ करेव्वउं
सोअव्व सोतब्ब मारेव्वउं
नायव्व
ञतब्ब करेवउ
कायव्व
(ब)
प्राकृत पालि
(तव्व)
(नेय्य)
कातव्व
पूजनेय्य
मोतव्व
दस्सनेय्य देय्य
भोत्तव्व
पेय्य
दट्ठव्व
वोत्तव्व
कातब्ब मारेवउ
अन्य विरल रूप इस प्रकार मिलते हैं
पालि
पालि
(स)
(य्य)
नेय्य
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हसिअव्व
हसितब्ब
करिएव्वउ
हसेअव्व पूजेतब्ब करिएव्वउं जाणिअव्व जिणितब्ब मारेवअ
पूअणीय दस्सनीय चरिव्वउ करणीअ लभनीय करेबउ
(तय्य,
ञातय्य
जातेय्य
पत्तय्य
पत्तेय्य
( पालि ) ( अपभ्रंश )
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तेय्य)
अपभ्रंश
(एवा, बा)
करेवा
सोवा
जग्गेवा
'य' प्रत्यय युक्त ध्वनिपरिवर्तन वाले रूप इस प्रकार मिलते हैं । प्राकृत- भव्व, वच्च, वक्क, गुज्झ, कज्ज, दुल्लंघ, पेज्ज ( भव्य, वाच्य, वाक्य, गुह्य, कार्य, दुर्लघ्य, पेय)
पालि - भब्ब, लब्भ, खज्ज, हञ्ञ, ( भव्य, लभ्य, खाद्य, हन्य) (vi) कर्मणि भूत कृदन्त
(अ) कर्मणि भूत कृदन्त बनाने के लिए धातु में प्राय: 'त'
करेबा
जाणेबा
कब्बा
पाबा
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