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चिन्तामणि पार्श्वनाथ
प्रणमामि सदा प्रभु पार्वजिनं ,
जिननायक दायक सौख्यधनम् । घनचारु मनोहर देवधरं,
धरणीपति नित्य सुसेवकरम् ॥
: २ : करुणा - रस - रंजित भव्यफणि ,
फणी सप्त सुशोभित मौलिमणि । मणि - कांचन - रूप त्रिघोट घटं ,
घटितासुरकिन्नर - पार्श्व - तटम् ।।
तटिनीपति - घोष - गभीर - स्वरं,
____ शरणागत - विश्व - अशेष - नरम् । नरनारी नमस्कृत नित्यमुदा ,
पद्मावती गावती गीत सदा ।।
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