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३१. ७. २ ]
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कहकोसु
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मइँ सयल पलोइय पुहइवई
पर सयरहो का वि अउव्व गई। दूरुझिय दुक्कियलंछणइं
अन्नहो तारिसइँ न लक्खणइं । जसु पोरिसु साहसु सीलु कुलु
अन्नहो कहाँ संपय बुद्धि बलु । रक्खियछलु वइरिविणासकरु
को वरु मग्गणजणकप्पतरु । नियरूवोहामियउंछधणू
अह किं वन्निज्जइ सव्वगुणू । ५ चिरु घोर वीरु तउ जाम किउ
सा जइ पर पावइ सयरु पिउ ।। आयन्निवि गुण अणुराइयए
सा भणिय सुजोहणजाइयए । कहि केम भडारिण मझु वरु
सो सूहउ होइ अणंगसरु । निसुणेप्पिणु तं तवसिणि चवइ
जइ होइ सयंवरु तो हवइ । परिहरिवि असेस नराहिवई
तहो घिप्पइ माल मरालगइ। १० घत्ता-पायनिवि कन्नएउ पसन्नण भणिय जणणि जाएवि घरु ।
मेलावियबहुवरु मज्झ सयंवरु कारावहि अवरोहकरु ॥५॥
महएविण भणिउ नराहिवई
तेण वि आलोइउ मंतिमई । सव्वेहिँ मि मनिउ एउ वरु
हक्कारिउ आइउ वरनियरु । सुमुहुत्ते सव्व समग्गि किया
कंचणमयमंचहिँ राय थिया । निग्गय कुमारि कोड्डावणिया
नं हत्थभल्लि कामहो तणिया । पेच्छेवि जंति वंचेवि सई
कासु वि हुय दुत्तर दुक्खनई। ५ कासु वि उरि खुत्तउ कामसरु
मुच्छाविउ पाविउ को वि नरु । कासु वि गरुयारउ विरहजरु
उप्पन्नु असड्ढलु डाहजरु । नीससइ सुसइ को विमणु मणु
कासु वि संपाइउ जमकरणु । केण वि नियरज्जो लइउ खणु
जइ एह न तो तववहु सरणु। . इय वियल कुणंति नरेंदसया
जहिँ सयरु महीवइ तेत्थु गया। १० घत्ता--महुपिंगलु चत्तउ दइवायत्तउ कज्जु पयत्ते परिणवइ ।
सयरुवरि रवन्ना पेच्छह कन्नण चित्त माल मणिपुप्फवइ ।।६।।
संजाउ विवाहु विसन्नमणा चारणमुणिपासि विहूयरउ ६. १ सयरुवरीउरवन्नए।
गय नियनियनिलयही सव्व जणा। महुपिंगलेण संगहिउ तउ ।
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