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२१. ११. ६ कहकोसु
[ २३५ रक्खिउ नवर वएण मणोहरि
हा महु सव्वु खमेज्जहि सुंदरि। ५ एम भणेवि विहाणि समित्तहो
जाणाविउ समसुहदुहचित्तहो । बलि किज्जउ दुक्कियसयगारउ
निग्घिणु निंदु कम्मु अम्हारउ । किं बहुणा तवचरणु लएवउ
मइँ कियदुक्कियकम्मु हणेवउ । सुणिवि परमसब्भावनिउत्तें
वुच्चइ सोमसम्मदियपुत्ते । भो धन्वंतरि मित्त [महा-] मइ
निच्छउ जा तुह सा मज्झ वि गइ। १० घत्ता-सुहिणा भणिउ सुहि तो काइँ चिरावहि ।
भज्ज जणेरि महु घरि घल्लिवि आवहि ।।९।।
ताउ पुरोहियपुत्तु लएप्पिणु
गउ नियनयरहो एउ सुणेप्पिणु । लग्गा जाम तासु तहिँ वासर
तामन्नाणतमोहदिणेसर। धम्मसूरि पणवेप्पिणु लइयउ
तउ सुंदरिसुएण अइसइयउ । आयाराइ सत्थसयपारउ
हुउ कइवयदिवसहिँ मइसारउ । भूभूसणगिरिवरि गिरिधीरउ
अच्छइ तवसंखीणसरीरउ । ५ एत्तहे ताउ पराणिवि पायउ
तहिँ विस्साणुलोमु अणुरायउ। गउ गिरि सुद्धि लहेवि तुरंत उ
दिट्ठउ मुणि तवु तिव्वु तवंतउ । थिउ आयावणे नियमियचित्तउ
वंदिउ सुमराविउ पुव्वुत्तउ । मुणि मोणेणच्छइ किम बोल्लइ
इयरु वि वार वार दुब्बोल्लइ । पडिउत्तरु अलहंतु नियत्तउ
गिरितलि तवसितवोवणु पत्तउ। १० घत्ता-सयजडितावसो सहसजडिहे केरउ ।
हुउ सो सीसु तहिँ मंदमइ असेरउ ॥१०॥
तावेत्तह तह जोउ समद्धउ भणिउ मित्त करि वयणु महारउ अच्छिउ हउँ नियमत्थु म रुसहि जाम न केम वि बोल्लइ माणिउ किउ पइँ केम वि न वि मह वृत्तउ एम भणेवि साहु गउ ठाणहो
सुहिसंबोहणत्थु तहिँ पत्तउ । सुयहे एउ भवि भवि दुहगारउ । एहप्पउ सुतवेण विहूसहि । संजएण ता पुणरवि भाणिउ । जाणावउ फलु कालि निरुत्तउ । कालें अच्चुयसग्गविमाणहो।
५
११. ३ नदि।
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