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१८६ ] सिरिचंदविरइयउ
[ १६. २५. ४भणिऊण एउ मंजूसियए
नीरंधर रयणविहूसियए। नामंकियअंगुलिएण जुया
विलिहियपत्तेण समेउ सुया । ५ भीयान छुहिप्पिणु वसुमईए
पवहाविय कालिंदीनईए। मंजूस वि विहिवसेण घडिया
गंपिणु पयागसंगमि पडिया । सुरसरिसोदेण वहंति तहिं
गय प्रोवहंति कुसुमउरु जहिं । घत्ता-तहिँ जोइय पुण्णहिँ जोइय मालिएण मंजूसिय ।
पइसेप्पिणु सलिलु तरेप्पिणु कड्ढिवि नियघरु मंसिय ॥२५॥ १०
उग्घाडिवि जोइय दिट्ठ सुया
सरसत्ति व सिसुरूवेण हुया। सामन्नो एह न सुंदरिया
भणिऊण एउ लक्खणभरिया । नियपियह समप्पिय तेण किया
पालेवि जुवाण तइलोयपिया। एक्कहिँ दिणि धाडीवाहणहो
नरनाहहो वइरिविराहणहो । निवडिय दिट्ठीवहि नाइँ रई
संजाउ अईवासत्तमई। संताविउ कामगहेण पहू
परिणिय सा वल्लह हूय वहू । परमत्थें परमुन्नइहे निउ
मालिउ राएण कयत्थु किउ । परियाणिवि कुलगुणसीलकिय
महिवइणा तुहुँ महएवि किय । अंतेउरसरसयवत्तिणिया
हुय काले अंतरवत्तिणिया। एक्कहिँ दियहम्मि पिएण तुहुँ
पुच्छिय किं किस कहे कवणु दुह । १० घत्ता-उवइट्ठउ पइँ वि मणि?उ पुहईसेण वि सहयरु ।
__निज्झाइउ तुरिउ पराइउ विज्जुवेयगयणेयरु ।।२६।।
२७
सीयलसुयंधमंदयरमरु' वरिसंतु संतु इसीसे जलु किउ परमुच्छउ पयणियपुलउ कयपुरिसवेस तग्गयमइणा वाइय वाइत्तय मिलिउ जणु देंतेण पयाहिण पट्टणहो चउदिसु चलंति चल इंदधणु
ससुरिंदाउहु खणरुइ ससरु । तेण वि तहिँ निम्मिउ मेहउलु । सिंगारेवि करि रेवातिलउ । तहिँ तुहुँ वलग्ग सहुँ भूवइणा । चोइउ गइंदु लीलागमणु ।। दुद्दिणे निसुणेप्पिणु घणु घणहो । करिणा निएवि संभरिउ वणु ।
२७.
१ मंदयरु मरु ।
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