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१५. ५. २ ]'
कहकोसु
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निग्गुणु निठुरु' परसंताविरु
वंचणसीलु असच्चपलाविरु । माणुत्ताणउ रोसपरव्वसु
परदारारउ ईहियपरवसु । मज्जमंसपिउ पावासत्तउ
कुगुरुकुदेवकुधम्महँ भत्तउ । सव्वु वि परपरिवाउनिलीणउ
विरलउ होसइ को वि कुलीणउ । जलयावलि पविरलु वरिसेसइ
मेइणि किंचि किंचि फलु देसइ । ५ रोउ रउदु दुहिक्खु हवेसइ
सयलु वि जणु जणेण खज्जेसइ । पुत्त पियर घराउ घल्लेसहिँ
देवभोय पुहईस लएसहिँ । तवसि वि माढावन्नु करेसहिँ
निय छक्कम्मइँ दूरे चएसहिँ। विप्प वि किसिकम्मा लग्गेसहिँ
घत्ता-करभरु पउरु करेवउ सुद्दहिँ राणएहिँ ।
होएवउ चंडालहिं आयमजाणएहिँ ॥३॥
खिसत्तणु काही कुलउत्तिय
होसइ चल परपुरिसासत्तिय । नउ मन्नेवउ गुरुहुँ गुरुत्तणु
छड्डवउ सीसहिँ सीसत्तणु । नउ निव्वाहेसहि पडिवन्नउ
मित्तहिँ काहीसहि पेसुन्नउ । भरियउ अइभरियउ जि भरेवउ
निद्धणु सयलु वि परिहरएवउ । छत्तइँ ऊसरत्तु जाएसहिँ
धन्नइँ अवदायइँ नासेसहिँ। ५ गामहणइँ पिंपिलसंकिण्णइँ
रण्णइँ बब्बुलचोरहिँ छन्नई। पयहिय पयणियजणसंतावें
पुहईसर कलिकालपहावें । अक्खमि केत्तियाइँ बहरूवइँ
अवरइँ होसहिँ जाइँ विरूव । आयण्णहि भो आगामिय जिण
चउयालीस मास पणरह दिण । एत्तियमेत्ते तम्मि अछंतण
जणवइ दुक्कियकरणि पवत्तए। १० घत्ता–कोसलपुरि दुईसणु सयलधराहिवइ ।
__ सव्वह पच्छिमु कक्की' होसइ इह निवइ ॥४॥
एक्कहिँ दिणि सहाण अच्छंतउ किं महु कोइ वि अत्थि प्रसिद्धउ
पुच्छेसइ सो निययमहंतउ । तामासेसइ बुद्धिसमिद्धउ ।
३. १ निट्ठउ । ४. १ खसत्तणु।
२ कक्कीस ।
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