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सिरिचंदविरइयउ
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८. ११. १
११ वस्तु-पढमु पायहँ लग्गु पुणु करहिँ
पुणु लग्गउ अंकवहँ जाम केम न करंतु वारिउ । रूसेप्पिणु नाइँ रउ पुणु विलग्गु केसहँ निरारिउ ॥ चलवलंत-भडपवर-करतिक्खखग्गभयभग्गु ।
नं कूवारउ सुरव रहँ करहुँ वल्लग्गउ सग्गु ।। जयगोमिणिकामिणिलंपडाइँ
हयमम्मरम्मगिरुब्भडाइँ । बहुपक्खविवक्खखयंकराइँ
उरकयखयखग्गभयंकराई। अच्चंतचित्तमरिसवसाइँ
सवियार सारइँ रणरसाइँ । आसिक्खियरक्खियकुलछलाइँ
अवियत्तइँ अभिट्टइँ बलाइँ । मुसुमूरियचूरियरहवराई
निदारियमारियकिंकराइँ । आमोडियपाडियगयघडाइँ
सरपूरियविहडियहयथडाइँ । अच्छोडियतोडियभडसिराइँ
सुविचित्तछत्तधयखंडिराइँ। अइसइयरइयसरपंजराइँ
गुरुविहुरपहरसयजज्जराइँ । पलपोसियतोसियरक्खसाइँ
संगलिय मिलियसिववायसाइँ । हयवसमुच्छावियभंभलाइँ
विलुलंतअंतफणिचुंभलाइँ। अरुणारुणदारुणविग्गहाइँ
पहुमित्तचित्तदुहनिग्गहा। नीरंधकबंधपणच्चणाइँ
सुरयणमणनयणपणच्चणा:। घत्ता-वणियंगइँ कयकेसग्गहइँ रत्तच्छइँ दट्ठाहर।
जुज्झंतइँ मेहुणाइँ व बलइँ दिइँ आमेल्लियसरइँ ।११।।
१५ ।।
वस्तु-दंडदुडुह खग्गपाढीण।
छत्तोहाफणुज्जलिय तुरयथट्टपच्छरनिरंतर । सिररुहसेवालचय नरकरंकमयरहिँ दुरुत्तर ॥ दुरयधराहरवणविवरनिग्गय घोर वहति ।
दिट्ठ खगिदहिँ रत्तनय भडथडतरु भंजंति ।। एत्थंतरि सुरधणुरायदंडु
परबलेण करेप्पिणु खंडु खंडु । पाडिउ उववाइउ दिन्नु नाइँ
रणभूदेविहे कत्थ वि न माइ । गलियाउहकरु विलुलंतकेसु
भयभीउ भग्गु उव्वरिउ सेसु । साहारिवि सबलु ससावलेउ
सरहसु सेणावइ सीहकेउ । ११. १ करंति।
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