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२३. मुनि के वातरोग का निवारण कैसे हो? ऐसा राजा के पूछने पर प्रासन शिला
को तपाने का सुझाव । भिक्षा के पश्चात् शिला पर मुनिका आसन, वेदना सहन व मोक्ष । देवागमन । बुद्धदास की जिनभक्ति । राजा की प्रव्रज्या ।
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संधि--५० कडवक
पृष्ठ १. परीषह सहन पर चिलातपुत्र कथा। मगध विषय के गुणहिल वणिक् ने वन
में मुनि को तिलगुड़ का आहार दिया । फलस्वरूप हेमवत द्वीप की भोगभूमि में, स्वर्ग में और फिर मगध देश, राजगृह नगर के राजा श्रेणिक के चिलातपुत्र नामक पुत्र के रूप में जन्म । राजा का उज्जैन के प्रद्योत नरेश को बांधकर लाने हेतु उदयन कुमार को प्रेषण । गौर उरगपुर के राजा उदायन का रण में प्रद्योत द्वारा बंधन । विजय नामक राजपुत्र द्वारा छल से मोचन । प्रद्योत का आक्रमण । श्रेणिक की प्रद्योत को पकड़कर लाने वाले को यथेच्छ वरदान की घोषणा । चिलातपुत्र द्वारा बांधकर प्रानयन । नगर में स्वच्छंद विहार का वरदान प्राप्त । राजा का तप व चिलातपुत्र का राज्य ।
५०४ ३. अन्याय से प्रजा का त्रास । मंत्रियों द्वारा कांचीपुर से श्रेणिक का आनयन व
चिलातपुत्र का निष्कासन । राज्यभ्रष्ट होकर वन में कोट बनाकर निवास व चौरवृत्ति । भद्रामित्र की सहायता से मामा की सुभद्रा नामक पुत्री का बलपूर्वक अपहरण ।
५०५ ४. वार्ता सुनकर श्रेणिक का ससैन्य अनुधावन । चिलातपुत्र का पराजय । उसके
द्वारा कुमारी का घात । उसी वन में व्यन्तरी के रूप में पुनर्जन्म । चिलातपुत्र
का वैभार पर्वत पर मुनि-दर्शन। ५. मुनि का उपदेश । तप-प्रहण । श्रेणिक द्वारा प्राकर दर्शन व पूजा-अर्चा ।
व्यंतरी का काकी के रूप में आकर सिर पर बैठकर नेत्र अपकर्षण व सर्वशरीर-छेदन । वेदना सहकर सर्वार्थसिद्धि स्वर्गगमन ।
५०५ ६. परीषह सहन पर धन्यकुमार कथा । पूर्वविदेह, वीतशोक नगर, अशोक राजा।
कृषि कार्य । धान्य की मड़ाई के बैलों के मुख पर बंधन । रसोई करने वाली नारियों के स्तन बंधन, जिससे बालकों को दूध पिलाने में कालहरण न हो। राजा को मुख का रोग । वैद्य की औषधि । मुनि प्रागमन, राजा का आहार दान। ५०६ राजा के रोग का विनाश । पुनर्जन्म आमलकंठ के नृप अरिष्टसेन के पुत्र धन्यकुमार के रूप में । गुणानुसार अन्य नाम दमदत्त, जितशत्रु, बहुवीर्य व अपराजित । सुबुद्धि मंत्री केवल धन्यकुमार नाम से पुकारता । कुमार का प्रश्न । मंत्री का समुचित उत्तर।
५०६ दमदत्तादि नाम मुनियों को उचित, राजकुमार को नहीं । मुनि होने का निश्चय। मंत्री की सम्मति नेमीश्वर का आगमन ।
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