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जितना बड़ा चुम्बक होगा, वह उतने ही बड़े लौह-खण्ड को आकर्षित कर सकेगा।
प्रेम का रूप जितना विराट होगा, वह उतने ही अधिक जन-जीवन को आकर्षित कर सकेगा।
साधक वह है, जो वज्र के समान कठोर हो, तो कुसुम के समान कोमल भी हो।
सिद्धान्त का प्रश्न आए, तो वह वज्र के समान कठोर एवं दृढ़ रहे । साहस और बलिदान की भावना से सीना तना रहे । ___ और यदि व्यावहारिक अथवा व्यक्तिगत प्रसंग आए, तो पुष्प के समान कोमल रहे। प्रेम और सहानुभूति से मुस्कराता रहे।
देख, तू अपने को पर्वत के समान सुन्दर बनाने का प्रयल मत कर ! पर्वत दूर से बहुत सुन्दर दिखाई देता है; किन्तु समीप आने पर वहाँ टेढ़े-मेढ़े पत्थरों और बेडौल चट्टानों के सिवा और कुछ नहीं मिलता।
मानव ! युग तुझे बदले, इसकी अपेक्षा, क्या यह अच्छा नहीं कि तू ही युग को बदल दे।
युग को बदलने वाला ‘महामानव' होता है। युग के साथ बदलने वाला-'मानव' होता है।
और जो युग के बदलने पर भी न बदले, वह 'मानव देहधारी पशु' ही होता है।
एक श्रावक हैं। प्रारब्ध ने उनको पैसा तो बहुत दिया है, किन्तु सुख नहीं दिया। कई जगह दुकानें हैं, कितने ही भव्य बँगले हैं; किन्तु जब देखो तब इधर अमर डायरी
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