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________________ नया वर्ष आया, पुराना गया। पुराने के भाग्य में जाना लिखा है, वह अजर, अमर बनकर संसार में नहीं रह सकता । नये के भाग्य में आना लिखा है, संसार की कोई भी शक्ति उसे आने से रोक नहीं सकती । जो व्यक्ति, समाज एवं राष्ट्र पुराने को छोड़ने का और नये का स्वागत करने का साहस रखते हैं, वे विश्व के इतिहास में अपना गौरवपूर्ण अध्याय लिखते हैं। नवीन मंगलमय हैं । * आज का बच्चा भविष्य का पिता है। उसके बनने पर भविष्य की प्रजा बनती है, और उसके बिगड़ने पर भविष्य की प्रजा बिगड़ती है । * * सन्तान का बनना या बिगड़ना जितना उसके पिता पर निर्भर है, उससे असंख्य गुण अधिक उसकी माता पर निर्भर है। 1 * माता अपनी संतान के भविष्य का निर्माण कब से करती है ? एक समाजशास्त्री ने कहा है-जिस दिन वह उसके गर्भ में आती है, उसी दिन से । गर्भ से ही माता के अच्छे और बुरे विचारों की स्याही से सन्तान के संस्कारों का लेख लिखना प्रारम्भ हो जाता है। माता के विचार, आचार एवं व्यवहार ही संतान की जीवन-रेखाओं का निर्माण करता है। 1 ** 12 * किसी ने पूछा—बालक क्या है ? उत्तर मिला— माता के चरित्र का प्रतिबिम्ब ! Jain Education International For Private & Personal Use Only अमर डायरी www.jainelibrary.org
SR No.001353
Book TitleAmar Diary
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1997
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, Spiritual, & Ethics
File Size8 MB
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