SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 58
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ समस्या और समाधान ४६ भारत के प्रधान मन्त्री पण्डित जवाहरलाल नेहरू से एक बार विदेश में पूछा गया था-' - " आपके भारत को कितनी समस्याएं हैं ।" एक मधुर मुस्कान के साथ नेहरू ने कहा - "आज के भारत की जनसंख्या ३५ करोड़ है, तो ३५ करोड़ ही समस्याएँ हैं ।" लेकिन मैं तो कहता हूँ कि यह भी एक सौभाग्य की बात है, जो एक व्यक्ति के पास एक ही तो समस्या आई । परन्तु यहाँ तो एक व्यक्ति के पास ही ३५ करोड़ समस्याएँ हों, तो कोई बड़ी बात नहीं । भारत का धर्म और भारत की संस्कृति मनुष्य के हृदय की पवित्रता में विश्वास रखती है । मनुष्य एक दिन अपने आप उलझा, तो एक दिन अपने आप सुलझ भी सकता है । मनुष्य जब अपने बौने रूप का परित्याग करता है, जब वह विराट बनता है, तब वह सुलझता है । जब मनुष्य अपने में विश्वात्मा के दर्शन करता है, तब वह समस्या का समाधान पा लेता है । तत् सुखं, नाल्पे सुखम् ।" यह भारत के चिन्तन का मूल केन्द्र रहा है । कभी भी अपने आपको अपने आप में बन्द करके जीवित नहीं रह सकता । व्यक्ति समाज के लिए, समाज राष्ट्र के लिए और राष्ट्र विश्व के लिए अपने स्वार्थी का परित्याग करें, यही समस्याओं के समाधान का एक राजमार्ग है । भारत के एक मनस्वी चिन्तक ने समस्याओं का समाधान देते हुए कहा " यो वै भूमा "अयं निजः परोवेति, Jain Education International गणना लघुचेतसाम् । उदारचरितानां तु, वसुधैव कुटुम्बकम् ॥!” यह मेरा है, यह पर का है । यह अपना है, प्रकार की गणना, इस प्रकार की विचारणा, बे लोग और दिमाग बहुत हल्के होते हैं । यह स्वत्व और यह परत्व जब तक रहेगा, तब तक समस्या का सही हल निकलना कठिन है । प्राचीन युग का एक ऋषि कहता है - "यत्र विश्वं भवत्येक नीडम् ।" यह सम्पूर्ण विश्व क्या है ? एक नीड है, एक घोंसला है, एक घर है, जिस में मानव जाति को प्रेम, स्नेह और सद्भाव से रहना चाहिए, जिस प्रकार एक ही घोंसले में यह बेगाना है । इस करते हैं जिनके दिल For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001352
Book TitleAmarbharti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1991
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Epistemology, L000, & L005
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy