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________________ ११० अमर-भारती वैदिक पंच यम वैदिक धर्म का पंच-यम, जैन पंच- शिक्षा के सर्वथा समान है । पंच-यम का उल्लेख योग सूत्र में इस परिग्रहा यमाः ।" यम का अर्थ है, भावना में भी और शब्द में भी । प्रकार है- "अहिंसासत्यास्ते ब्रह्मचर्या संयम, सदाचार, अनुशासन । मैं आपसे कह रहा था, कि भारत की राजनीति में आज जिस पंचशील की चर्चा की जा रही है, प्रचार हो रहा है, वह भारत के लिए नया नहीं है । भारत हजारों वर्षों से पंचशील का पालन करता चला आ रहा है । राजनीति के पंचशील सिद्धान्त का विकास बोद्ध पंचशील से, जैन पंचशिक्षा से और वैदिक पंच-यम से भावना में बहुत कुछ मेल खा जाता है । बौद्ध पंचशील और जैन पंच शिक्षा की मूल आत्मा सह अस्तित्व और सहयोग में है । मानवतावादी समाज का कल्याण और उत्थान अणु से नहीं, सह अस्तित्व से होगा - यह एक ध्रुव सत्य है । Jain Education International ** For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001352
Book TitleAmarbharti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1991
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Epistemology, L000, & L005
File Size10 MB
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