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सन्दर्भ-ग्रन्थ
जैन मूल ग्रन्थ
अंगविज्जा : सम्पा० मुनि पूर्णविजय, प्राकृत जैन टेक्स्ट सोसाइटी, वाराणसी, १९५७ अपराजित पृच्छा : भुवनदेव, सम्पा० पोपट भाई अम्बाशंकर मनकड, बड़ौदा, १९५० आचारांग : सम्पा० नथमल, लाडनूं (जोधपुर), वि० सं० २०३१ आचारांग और कल्पसूत्र : सम्पा० एच० याकोबी, आक्सफोर्ड, १८८२ आचारांग-नियुक्ति : आगमोदय समिति, बम्बई १६१६ उत्तराध्ययन : एक परिशीलन : सुदर्शन लाल जैन, अमृतसर, १६७० उत्तराध्ययन : एक समीक्षात्मक अध्ययन : आचार्य तुलसी, कलकत्ता, १६६८ उत्तराध्ययन सूत्र और कृतांग : सम्पा० एच० याकोबी, आक्सफोर्ड, १८६५ उपासकाध्ययन : सम्पा० कैलाश चन्द्र शास्त्री, काशी, १६६४ ओघ नियुक्ति : आगमोदय समिति, बम्बई, १६१६ औपपातिक सूत्र : सम्पा० इ० ल्युमेन, लाइपजिग, १८८३ कथाकोशः : प्रभाचन्द्र सम्पा० ए० एन० उपाध्ये, दिल्ली, १६७४ कषाय पाहुड़ : मथुरा, वि० सं० २००० कर्मप्रकृति : हीरालाल शास्त्री, भावनगर, १६१७ कर्मवाद : एक अध्ययन सुरेश मुनि, आगरा १६६५ कल्पसूत्र : भद्रबाहु, सम्पा० एच० याकोबी, लाइपजिग, १८७६ कषाय पाहुड सुत्त : गुणधराचार्य, सम्पा० हीरालाल जैन, कलकत्ता, १६५५ गद्य चिन्तामणि : वादीभ सिंह सूरि, सम्पा०, पन्नालाल जैन, दिल्ली, १६६८ गोम्मटसार (जीवकाण्ड एवं कर्मकाण्ड) : नेमिचन्द्र, सम्पा० ए० एन० उपाध्ये, भाग
१-२, दिल्ली, १६७८-१६८१ गाथासप्तशती : हाल, सम्पा० मथुरानाथ शास्त्री, बम्बई, १६३३ ।। चन्द्रप्रभचरितम् : वीरनन्दि, सम्पा० अमृतलाल शास्त्री, शोलापुर, १६७१ चन्द्रप्रभचरितम् : वीरनन्दि, सम्पा० काशीनाथ शर्मा, बम्बई, वि० सं० १८६२ चारित्र पाहुड़ : बम्बई, वि० सं० १६७७ जम्बूसामिचरिउ : वीर कवि, सम्पा० विमल प्रकाश जैन, दिल्ली, १६६८ .
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