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________________ जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन नन्दा' : हिमालय में नन्दा की पहाड़ी नदी को कहते हैं । निर्विन्ध्या : इसका उद्गम विन्ध्य पर्वत माना गया है । यह बेतवा की एक सहायक नदी है, जो काली और सिन्धु के मध्य प्रवाहित होती है । ४५० पनसा : पनसा या पर्णासा अथवा वर्णसा समानार्थक हैं । यह चम्बल की एक शाखा थी । पनास या पनसा चम्बल की पश्चिमी सहायक नदी है । पङ्कवती : हरिवंश पुराण में इसे नील पर्वत से निकलकर सीता नदी की ओर जाते हुए तथा वक्षार पर्वत के मध्य स्थित बताया गया है । पर्णकान्ता: महा पुराण में इसे कैलाश पर्वत के पास बताया गया है ।" भागीरथी : भागीरथी या भीमरथ को कृष्णा नदी की मुख्य सहायक आधुनिक भीमा नदी से समीकृत किया गया है ।" महानदी : पुष्कार्ध द्वीप के पश्चिम स्थित सुमेरु पर्वत के पश्चिम इसकी स्थिति बतायी गयी है ।" यह उड़ीसा की सबसे बड़ी नदी है, जो बरार के दक्षिण-पूर्वी कोने पर स्थित पहाड़ियों से निकलती है । यह रायगढ़, विलासपुर, सम्बलपुर, कटक होते हुए बङ्गाल की खाड़ी में गिरती है । मुररा" : इसे केरल की नदी कहा गया है ।" माल्यवती : इसकी पहचान मालिनी नदी से की जा सकती है । यह * अयोध्या से पचास मील दूर घाघरा नदी में मिलती है । यमुना " : गंगा नदी की यह सबसे बड़ी सहायक नदी है । यह हिमालय पर्वत से निकलकर गंगा नदी के समानान्तर बहती हुई इलाहाबाद में गंगा से मिलती है । १. महा २६ । ६५ २. वही २६६२ ३. वही २६।५४ ४. हरिवंश ५।२३६ ५. महा ६३।२६६ ६. वही ३० । ५५; हरिवंश ३१।५ ७. लाहा - वही, पृ० २४.३ Jain Education International ८. E. १०. ११. १२. १३. महा ७०१२६ लाहा - वही, पृ० ६१ महा ३०१५८ लाहा - वही, पृ० २६६ महा २६।५६ हरिवंश ३३।४७; For Private & Personal Use Only महा २७१५६, ५८/८७ www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
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