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भौगोलिक दशा गोमती' : यह शाहजहाँपुर जिले से निकलती है और वाराणसी तथा गाजीपुर के बीचोबीच गंगा से मिलती है ।२
चर्मवती : यह आधुनिक चम्बल नदी है। यह मालवा पठार से निकल कर - दक्षिण-पूर्व राजस्थान से होते हुए यमुना नदी में मिल जाती है ।
चण्डवेगा : जैन पुराणों में भरत क्षेत्र के इला पर्वत के दक्षिण में चण्डवेगा नदी का उल्लेख मिलता है।
चित्रावती' : इसका उद्गम विन्ध्य पर्वत है।
चुल्लितापी : विन्ध्य पर्वत से निकलने वाली ताप्ती नदी की यह एक सहायक नदी है।
जम्बुमती : इसकी पहचान जाम्बु नदी से कर सकते हैं । महाभारत में गंगा की सप्त धाराओं में से एक धारा के लिये जम्बुमती शब्द प्रयुक्त हुआ है।
तमसा : तमसा या टोंस नदी आजमगढ़ से बहती हुई बलिया के पश्चिम में गंगा नदी में गिरती है ।
तैला" : श्री नन्दलाल डे ने इसकी स्थिति मद्रास में और डॉ० भण्डारकर ने आन्ध्र तथा मध्य प्रदेश का सीमावर्ती भाग माना है । २
दारूवेणा : यह सम्भवत: वेनगंगा (वेण्वा) है। पाजिटर वेण्वा का सम्बन्ध पर्णाहिता से मानते हैं ।
नर्मदा५ : मध्य तथा पश्चिम भारत की यह महत्त्वपूर्ण नदी है । यह . मैकल पर्वतमाला से निकलती है और मध्य भारत में दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती हुई इन्दौर होते हुए भड़ौंच में समुद्र से मिलती है ।
१. महा २६४६ २. लाहा-वही, पृ० १३६ ३. महा २६१६४
हरिवंश २७।१३; महा ५६११६
महा २६१५८ ६. वही २६।६५ ७. वही २६६२ ८. महाभारत भीष्मपर्व ४८ ६. महा २६१५०, २६-५४
१०. लाहा-वही, पृ० ५३ ११. महा २६८३ । १२. भरत सिंह उपाध्याय-बुद्धकालीन
भूगोल, पृ० १६२-१६३ १३. महा ३०१५५ १४. दिनेश चन्द्र सरकार-वही, पृ० ५० १५. पद्म १०६०, हरिवंश १७।२१;
महा २६।५२, ३०१८२ १६. लाहा-वही, पृ० ६०
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