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________________ जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन ताम्रलिपि : अंग देश में ताम्रलिप्ति नगर वर्णित है ।" यह पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले में रूपनारायण तथा हुगली के संगम पर बारह मील दूर आधुनिक तालुक है । ४२२ त्रिपुर : त्रिपुर या त्रिपुरी आधुनिक जबलपुर से छ: मील दूर आधुनिक तेवर है ।" दन्तपुर " : यह कलिंग देश की राजधानी थी। इसे उड़ीसा में पुरी से समीकृत किया गया है । दशार्णपुर : दशार्णपुर को दशारण्यपुर या दशाङ्ग' है । यह मृगावती देश में पड़ता है ।" स्थूलरूप से इसे जिसकी राजधानी विदिशा थी । " दुर्ग" : यह मध्य प्रदेश का दुर्ग जिला है । ૧૨ द्वारावती : इसे भरत क्षेत्र में समुद्र के अन्दर बारह योजन पर स्थित बताया गया है ।' कुछ लोगों के अनुसार द्वारका के आस-पास का क्षेत्र आनर्त्त कहा गया है । अन्य विद्वान् इसे बड़नगर का परवर्ती जिला मानते हैं ।" नागपुर : धातकीखण्ड के भरत क्षेत्र में सारसमुच्चय देश में नागपुर नगर बताया गया है ।" यह आधुनिक महाराष्ट्र का नागपुर नगर है । १. २. ३. ४. लाहा- वही, पृ० ५५२ ५. महा ७० ६५ लाहा- वही, पृ२०५२ पद्म ३३।८० वही ८० १०६, ३३।७५ ७. ८. हरिवंश १७ २० लाहा - वही, पृ० ४३६-४४१ पद्म २।१६; महा ६३।१४ ई. १०. ११. १२. १३. १४. (दशपुर ) कहा गया मालवा से समीकृत करते हैं, महा ७१।२६१; पद्म ३३।१३५ लाहा - वही, पृ० ६१४ महा १६।८५ पद्म १०६ । २७; हरिवंश १६६; महा ५८।८३, ७१।२७ लाहा- वही, पृ० ६११ पद्म २०।१६; हरिवंश ३४ | ४३; महा ६८।३-४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
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