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________________ ४१४ जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन शूरसेन' : मथुरा को शूरसेन की राजधानी बतायी गयी है ।' श्रावस्ती' : प्राचीन श्रावस्ती आधुनिक सहेत-महेत है, जो गोंडा और बहराइच जिलों की सीमा पर स्थित है। सरिद : महा पुराण के अनुसार पुष्करवर द्वीप के पश्चिम मेरु पर्वत से पश्चिम की ओर सरिद देश विद्यमान है ।' सरिता : पश्चिम विदेह क्षेत्र में सीतोदा नदी और नील पर्वत के मध्य इसकी स्थिति बतायी गयी है। सारसमुच्चय : धातकीखण्ड द्वीप के पूर्व उत्तर क्षेत्र में सारसमुच्चय देश था, इसमें आधुनिक नागपुर नगर है ।" सिन्धु' : सिन्धु नदी के तट पर ही प्राचीन सिन्धु देश रहा होगा। सुकच्छ : धातकीखण्ड के पूर्व विदेह क्षेत्र में सीता नदी के उत्तर तट पर सुकच्छ नामक देश है। इसे कच्छ से समीकृत करते हैं। सुकोशल" : इसकी पहचान कोशल या महाकोशल से की जाती है । सुगन्धि : पूर्व मेरु के पश्चिम विदेह क्षेत्र में सीतोदा नदी के उत्तर तट पर सुगन्धि नामक देश है।" इसे गन्धि या गन्धिल देश से भी समीकृत किया जाता है। सुगन्धा : पश्चिम विदेह क्षेत्र के सीतोदा नदी एवं नील पर्वत के मध्य में इसकी स्थिति है ।२ इसे गन्ध देश से भी समीकृत करते हैं। १. महा १६।१५५; पद्म १०१।८३; हरिवंश ५६।११० २. लाहा-वही, पृ० १८० ३. महा ४६१४; पद्म ६१।२३ ४. लाहा-वही, पृ० २१० ५. महा ६२।३६४ ६. हरिवंश ५२५१ ७. महा ६८।३ ८. वही १६।१५५, ६२।११६; हरिवंश ४४।३३ ६. वही ५३।२; हरिवंश ५।२४५ १०. वही १६।१५२ ११. महा ५४।६-१० १२. हरिवंश श२५१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
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