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________________ ( xiv ) पंचम अध्याय में कला और स्थापत्य के अन्तर्गत जन-सन्निवेश : स्वरूप एवं प्रकार, वास्तु एवं स्थापत्य कला, मूर्तिकला इस प्रकार तीन उपखण्ड हैं । षष्ठ अध्याय में ललित कलाओं का अनुशीलन संगीत कला, चित्रकला और विविध ललित कला उपशीर्षक के अन्तर्गत किया गया है। सप्तम अध्याय में आर्थिक व्यवस्था की विवेचना गवेषणात्मक ढंग से किया गया है । इस अध्याय को आर्थिक उपादान, आजीविका के साधन, व्यापार और वाणिज्य इन तीन उपखण्डों में विवेचित किया गया है। अष्टम अध्याय में धार्मिक व्यवस्था को दार्शनिक पक्ष और धार्मिक पक्ष के अन्तर्गत रखकर समीक्षा की गयी है । इस अध्याय में जैन धर्म-दर्शन के साथ ही जैनेतर धार्मिक व्यवस्था की भी विवेचना की गयी है। नवम अध्याय में भौगोलिक दशा के अन्तर्गत देश (राष्ट्र), नगर, पर्वत एवं नदी का अध्ययन किया गया है। जैन पुराणों में उपलब्ध भौगोलिक सामग्री का तादात्म्य तत्कालीन अन्य स्रोतों के साथ किया गया है। जिनका समीकरण नहीं किया जा सका, उनका पृथक् से विवरण दिया गया है । उपर्युक्त नौ अध्यायों के उपरान्त प्रस्तुत शोध-प्रबन्ध में जिन ग्रन्थों का संदर्भ दिया गया है तथा जिनका उपयोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में किया गया है, उनको संदर्भ-ग्रन्थ के अन्तर्गत रखा गया है। तदुपरान्त शब्दानुक्रमणिका को स्थान दिया गया है। अन्त में चित्र-फलक एवं उनका विवरण प्रस्तुत किया गया है। इनमें से कतिपय चित्र तत्कालीन अन्य ग्रन्थों एवं पुरातात्त्विक उत्खननों के आधार पर निर्मित हैं । शेष का विवरण जैन पुराणों में उपलब्ध विवरण के आधार पर स्वतः तैयार किया गया है जो विशेष रूप से आकर्षक एवं अनुसंधान के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। प्रस्तुत शोध-प्रबन्ध पूज्य गुरुवर प्रो० सिद्धेश्वरी नारायण राय के कुशल एवं समर्थ निर्देशन का ही प्रतिफल है। इस कार्य की पूर्णता में उनका योगदान भविस्मरणीय है, जिसके लिए मैं उनका चिरऋणी रहूँगा । प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वरिष्ठ गुरुजन स्वर्गीय प्रो० गोवर्धन राय शर्मा, प्रो० गोविन्द चन्द्र पाण्डेय, प्रो० जे० एस० नेगी, प्रो० ब्रज नाथ सिंह यादव, प्रो० उदय नारायण राय, प्रो० एस० सी० भट्टाचार्य, प्रो० विनोद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
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