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________________ ११८ जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन गर्भिणी का मस्तक दुःखना, चक्कर आना, वमन होना. मुख सफेद होना, उदर की त्रिवली नष्ट होना, पेट कठिन होना, अल्प भाषण, सुन्दर आँख, मृत्तिका भक्षण, स्तन सुन्दर, उन्नत पुट होना प्रमुख लक्षण हैं।' जैन पुराणों में वर्णित है कि सन्तानोत्पत्ति से माता का हृदय वात्सल्य से परिपूर्ण हो जाता है और स्तन से दूध झरने लगता है ।२ महा पुराण के अनुसार माता के लिए पुत्र सर्वाधिक स्नेहपात्र होता है। उससे बढ़कर प्रीति का और दूसरा स्थान नहीं है। महा पुराण में वर्णित है कि उत्तम संतान प्रसवा स्त्रियाँ अपने पति को आनन्दित करती हैं। उतना आनन्द लक्ष्मी भी नहीं दे सकतीं। उत्तम लताओं के समान उत्तम पुत्र प्रसवणी स्त्रियाँ प्रिय होती हैं। जैनेतर ग्रन्थ महाभारत के अनुसार पुत्र अपनी माता को अपने पिता से अधिक मानता है। पुत्र अपनी माता को नहीं छोड़ सकता, भले ही उसकी माता को सामाजिक एवं धार्मिक बहिष्कार क्यों न प्राप्त हो । जैनाचार्यों ने माताओं के पुत्र-प्रेम को पति के प्रेम से अधिक उच्च स्थान प्रदत्त किया है। पद्म पुराण में वर्णित है कि पति पर स्त्रियों का प्रेम विचलित भी हो सकता है, परन्तु अपने दूध से पुष्ट किये हुए पुत्रों पर वात्सल्य कभी विचलित नहीं होता । महा पुराण में उल्लिखित है कि माता को अपने पुत्र के विवाह के अवसर पर परमानन्द की प्राप्ति होती है। संसार में माता को पुत्र वियोग से बढ़कर कोई अन्य वियोग नहीं होता । पद्म पुराण में वर्णित है कि पुत्र वियोग में माता को न आहार में, न शयन में, न दिन में और न रात्रि में थोड़ा भी आनन्द उपलब्ध होता है। वह पुत्र वियोग में कुररी के समान रुदन करती रहती है तथा अत्यन्त विह्वल होकर दोनों हाथों से छाती और सिर पीटती रहती है। उक्त पुराण में आगे कथित है कि पुत्र १. पाण्डव ७।२३८ २४२, ८।१२४-१२५ २. पद्म ८५।१२७; हरिवंश ३५॥६०-६२ ३. वही १७।३६० ४. वही ८।१५७ ५. महा ४३।१३२ ६. महाभारत १२१११६ ७. पद्म १०७।६२ ८. महा १५७३-७४; ७।२०५ ६. पद्म ८१।७२-७३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
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