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२३. पार्श्वनाथ
भगवान् पार्श्वनाथ तेईसवें तीर्थंकर हैं। आपकी जन्मभूमि वाराणसी (बनारस) पिता अश्वसेन राजा और माता वामादेवी थीं। जन्म पौष कृष्णा दशमी और निर्वाण श्रावण शुक्ला अष्टमी है। निर्वाण - भूमि सम्मेतशिखर है। आपने कमठ तपस्वी को बोध दिया था और उसकी धुनी में से जलते हुए नाग को बचाया था ।
२४. महावीर
भगवान् महावीर चौबीसवें तीर्थंकर हैं। इनकी जन्म भूमि वैशाली (क्षत्रिय कुण्ड), पिता सिद्धार्थ राजा और माता त्रिशला देवी थीं । जन्म चैत्र शुक्ला त्रयोदशी निर्वाण कार्तिक कृष्णा अमावस्या (दीवाली) । निर्वाणभूमि पावापुरी है । भगवान् महावीर बड़े ही उत्कृष्ट त्यागी पुरुष थे । भारतवर्ष में सर्वत्र फैले हुए हिंसामय यज्ञों का निषेध करके दया और प्रेम का प्रचार किया। बौद्ध साहित्य में भी इनके जीवन से सम्बन्धित अनेक उल्लेख मिलते हैं। महात्मा बुद्ध महाश्रमण महावीर के समकालीन थे। वर्तमान में श्रमण-भगवान् महावीर का ही शासन चल रहा है
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जैनत्व की झाँकी (54)
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