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________________ १२. वासुपूज्य भगवान् वासुपूज्य बारहवें तीर्थंकर हैं। जन्म भूमि चम्पा नगरी, पिता वासुपूज्य राजा और माता जयादेवी। आपका जन्म फाल्गुन कृष्णा चतुर्दशी को और निर्वाण आषाढ़ शुक्ला चतुर्दशी को हुआ । निर्वाण - भूमि चम्पा नगरी । आप बालब्रह्मचारी रहे, विवाह नहीं किया । १३. विमलनाथ भगवान् विमलनाथ तेरहवें तीर्थंकर हैं। इनकी जन्म-भूमि कम्पिलपुर नगरी, पिता कर्तृ वर्म राजा और माता श्यामादेवी । जन्म माघशुक्ला तृतीया और निर्वाण आषाढ़ कृष्णा सप्तमी को हुआ । आपकी भी निर्वाण - भूमि सम्मेतशिखर है । १४. अनन्तनाथ भगवान् अनन्तनाथ चौदहवें तीर्थंकर हैं। जन्म भूमि अयोध्या नगरी, पिता सिंहसेन राजा और माता सुयशा जन्म वैशाखकृष्णा तृतीय को और निर्वाण चैत्रशुक्ला पंचमी को हुआ । इनकी निर्वाण भूमि भी सम्मेतशिखर है। १५. धर्मनाथ भगवान् धर्मनाथ पन्द्रहवें तीर्थंकर हैं। जन्म भूमि रत्नपुर नामक नगरी, पिता भानुराजा और माता सुब्रता । जन्म माघ शुक्ला तृतीया को और निर्वाण ज्येष्ठ शुक्ला पंचमी को हुआ । निर्वाण - भूमि आपकी भी सम्मेतशिखर है। १६. शान्तिनाथ भगवान् शान्तिनाथ सोलहवें तीर्थंकर हैं। आपका जन्म हस्तिनापुर के राजा विश्वसेन की अचिरा रानी से हुआ। जन्म ज्येष्ठ कृष्णा त्रयोदशी को और निर्वाण भी इसी तिथि को हुआ । निर्वाण - भूमि Jain Education International For Private & Personal Use Only चौबीस तीर्थकर (51) www.jainelibrary.org
SR No.001349
Book TitleJainatva ki Zaki
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1998
Total Pages202
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size8 MB
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