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________________ शुक्ला द्वादशी को और निर्वाण भाद्रप्रद कृष्णा सप्तमी को हुआ। आपकी भी निर्वाण-भूमि सम्मेतशिखर है। ८. चन्द्रप्रभ - भगवान् चन्द्रप्रभ आठवें तीर्थकर हैं। इनकी जन्म-भूमि चन्द्रपुरी नगरी, पिता महासेन राजा, और माता लक्ष्मणा थीं। भगवान् चन्द्रप्रभ का जन्म पौषशुक्ला द्वादशी को और निर्वाण भाद्रपद कृष्णा सप्तमी को हुआ। आपकी भी निर्वाण-भूमि सम्मेतशिखर है। ६. सुविधिनाथ ___भगवान् सुविधिनाथ (पुष्पदन्त) नौवें तीर्थंकर हैं। इनकी जन्मभूमि काकन्दी नगरी, पिता सुग्रीव राजा और माता रामादेवी थीं। जन्म मार्गशीर्ष पंचमी को और निर्वाण भाद्रपद शुक्ला नवमी को हुआ। इनकी भी निर्वाण भूमि सम्मेतशिखर है। १०. शीतलनाथ भगवान् शीतलनाथ दसवें तीर्थंकर हैं। इनकी जन्म-भूमि भदिलपुर नगरी। पिता दृढ़रथ राजा और माता नन्दारानी। जन्म माघ कृष्णा द्वादशी को और निर्वाण वैशाख कृष्णा द्वितीया को हुआ। इनकी भी निर्वाण भूमि सम्मेतशिखर है। ११. श्रेयांसनाथ भगवान् श्रेयासनाथ ग्यारहवें तीर्थंकर हैं। जन्म-भूमि सिंहपुर नगरी, पिता विष्णुसेन राजा और माता विष्णुदेवी। जन्म फाल्गुल कृष्णा द्वादशी को और निर्वाण श्रावण कृष्णा तृतीया को हुआ। निर्वाण-भूमि सम्मेतशिखर है। भगवान् महावीर ने पूर्व जन्मों में त्रिपृष्ठ वासुदेव के रुप में भगवान् श्रेयांसनाथ जी के चरणों में उपदेश प्राप्त किया था। जैनत्व की झांकी (50) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001349
Book TitleJainatva ki Zaki
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1998
Total Pages202
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size8 MB
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