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रुप में अकालग्रस्त प्रजा का पालन किया था और अपना सब कोष दोनों के हितार्थ लुटा दिया था। भगवान् संभवनाथ का जन्म मार्गशीर्ष शुक्ला चर्तुदशी को और निर्वाण चैत्रशुक्ला पंचमी को हुआ। आपकी भी निर्वाण - भूमि सम्मेतशिखर है ।
४. अभिनन्दन
भगवान् अभिनन्दन चौथे तीर्थंकर हैं। इनका जन्म अयोध्या नगरी के इक्ष्वाकुवंशीय राजा संवर के यहाँ हुआ था। माता का नाम सिद्धार्था था। भगवान् अभिनन्दननाथ का जन्म माघशुक्ला द्वितीया को और निर्वाण वैशाख अष्टमी को हुआ । इनकी भी निर्वाण - भूमि सम्मेतशिखर है । ५. सुमतिनाथ
भगवान् सुमतिनाथ पाँचवें तीर्थंकर हैं। इनका जन्म अयोध्या नगरी (कोसलपुरी) में हुआ। उनके पिता महाराजा मेघरथ और माता सुमंगला देवी थीं । भगवान् सुमतिनाथ का जन्म वैशाखशुक्ला अष्टमी को तथा निर्वाण चैत्रशुक्ला नवमी को हुआ। आपकी भी निर्वाण - भूमि सम्मेतशिखर है। आप जब गर्भ में आए, तब माता की बुद्धि बहुत श्रेष्ठ और तीव्र हो गई थी, इसलिए इनका नाम सुमति रखा गया ।
६. पद्मप्रभ
भगवान् पदमप्रभ छठे तीर्थंकर हैं। इनका जन्म कौशाम्बी नगरी के राजा श्रीधर के यहाँ हुआ। माता का नाम सुसीमा था। जन्म कार्तिक कृष्णा द्वादशी को और निर्वाण मार्गशीर्ष कृष्णा एकादशी को हुआ। आपकी भी निर्वाण - भूमि सम्मेतशिखर है।
७. सुपार्श्वनाथ
भगवान् सुपार्श्वनाथ सातवें तीर्थंकर हैं। इनकी जन्म भूमि (वाराणसी) । पिता प्रतिष्ठेन राजा और माता पृथ्वी जन्म ज्येष्ठ
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चौबीस तीर्थकर (49) www.jainelibrary.org