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अज्ञानी को जीवन-निर्माणार्थ ज्ञान देना मानवता है। ज्ञान के साथ विद्यालय आदि खोलना मानवता है।
भूखे-प्यासे को सन्तुष्ट करना मानवता है। भूले हुए को मार्ग बताना मानवता है। जैन मानवता का मंगल प्रतीक है।
जहाँ विवेक होता है, वहाँ प्रमाद नहीं होता। जहाँ विवेक होता है, वहाँ लोभ नहीं होता। जहाँ विवेक होता है, वहाँ स्वार्थ नहीं होता। जहाँ विवेक होता है, वहाँ अज्ञान नहीं होता। जैन विवेक का आराधक होता है।
प्रतिदिन विचार करो कि मन से क्या-क्या दोष हुए हैं। प्रतिदिन विचार करो कि वचन से क्या-क्या दोष हुए हैं। प्रतिदिन विचार करो कि शरीर से क्या-क्या दोष हुए हैं।
सुख का मूल धर्म है। धर्म का मूल दया है। दया का मूल विवेक है।
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