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________________ गो० कर्मकाण्डे आ कम्र्मोत्कृष्ट स्थितियं नोडलु विध्यात संक्रमभागहारमसंख्यात गुणितमवकुमतुवं सूच्यंगलासंख्यातैकभाग प्रमितमक्कु २ मवं नोडलुद्वेल्लनभागहार मसंख्यातगुणितमव कुमदुकुं सूचयंगुला२ मनुभागविषयनाना गुणहानिशलाकेगळ अनंतंगळवु ल aa a ५ ६७२ संख्यातैकभागप्रमाणमक्कु गुणहाणि अनंतगुणं तस्स दिवडुं णिसेयहारो य । अहियकमा अण्णोणब्भत्थो रासी अनंतगुणो ॥ ४३५ ।। गुणहानिरनंतगुणा तस्या द्वयद्ध निषेकहारश्चाधिकक्रमौ । अन्योन्याभ्यस्त राशिरनंतगुणः ॥ अनुभागविषयनानागुणहानिशलाकेगळं नोडलनुभागविषयगुणहान्यायाममनंतगुणमक्कु । ख । ख । मदं नोडलनुभागविषयप्रथम वर्गणानयननिमित्तद्वर्द्धगुणहानि एक गुणहानि अर्द्धदिदमधिकमक्कु खख ३ । मदं नोडलु दोगुणहानियुमेकगुणहान्यर्द्ध दिवमधिकमक्कु । ख । ख । २ ॥ मा २ १० निषेकहारमं नोडल अनुभागविषयाऽन्योन्याभ्यस्त राशियुमनंतानंतगुणितमक्कु । ख । ख । २ । ख । मिल्लि समुच्चय संदृष्टि : : स गण अ । उ अथा यो. गु. नाना प प गुण अन्यो प क. उ १ छे छे छे 3მმმ მმმ aa छे a Jain Education International छेछे छे म पश् ख प छे व छे व ख ख 매 प १ अनु. नाना अनु. गु अनु. दिवा निषेक अन्योन्या ४ ५ विध्या उद्वे aa For Private & Personal Use Only ख ख ३ ख । ख २ ख । ख ख २ भागहारो संख्यातगुणः । स च सूच्यंगुला संख्यातैकभागः २ तत उद्वेल्लनभागहारोऽसंख्यातगुणः सोऽपि तदालापः २ । ततोऽनुभागस्य नानागुणहानिशलाका अनंता ख । ततो नानागुणहान्यायामोऽनंतगुणः ख ख । ततो a a a द्वगुणहानिरर्घाधिका ख ख ३ । ततो दोगुणहानिरर्घाधिका ख ख २ । ततोऽन्योन्याभ्यस्त राशिरनंतगुणः ख ख २ २ a १५ परमाणु जहाँ अन्य प्रकृतिरूप परिणमन करें वहाँ उद्वेलन संक्रमण जानना । उससे कर्मोंके अनुभागके कथन में नाना गुणहानि शलाका अनन्त प्रमाण है। उससे उस अनुभागकी एक गुणान आयामका प्रमाण अनन्तगुणा है। उससे उसकी ही डेढ़ गुणहानिका प्रमाण उसके आधे प्रमाण अधिक है। उससे उसकी ही दो गुणहानिका प्रमाण आधे गुणहानिके www.jainelibrary.org
SR No.001326
Book TitleGommatasara Karma kanad Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages828
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Principle, & Karma
File Size18 MB
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