________________
कर्णाटवृत्ति जीवतत्त्वप्रदीपिका
२३५ चरमशेषकभागमं दानांतरायदोळु कुडुवुवन्तु कुडुत्तिरलधिकक्रमंगळप्पुविवक्के क्रमदिदं संदृष्टिरचनेयिदु :मदिणाण | सुदणाण ओहिण
ळिणाण दे। मदिणाण दे । सुदणाण]
स1८स ८ स०८ स०८ स. ८ स ख ८ स ख ८ टाखा९५८ाखा९।५ | दाखा९।५। ८ख ९५ ८ख ९५ ८ख ९।४|८ख ९/४/
स३८ । स ८ । स०८ स०८ स०१ स० खे८स ख८ ८ ख ९९ ८ाखा९९९ चाखा९९९९ ८ख ९९९९९ ८ख ९९९९९ ८ ख ९९ ८ख । ९९९
दे। ओहिणाण | दे।मणपज्जवणाण थोणगित्थि णिहाणिद्दा। पयळापयळा । णिद्दा
स ३ ख ८ स ० ख ८ ८ख ।९।४ ८ख ९।४
सa ८ ८९ ख ९
स ८ स ८ ८५ख ९ । ८९ ख ९
स ०८ । ८९ ख ९
→ १०
सः ख।८ ८ख ९९९९
स ख १ ८ख ९९९९
स । ८. । स०८ ] स ०८ स०८ ८ख ९९ । ८ख ९९९/८ख ९९९९८ख९९९९९)
पयळा
चक्खु
। अचक्खु । | ओहिदं । केवळदं
चक्खुदंदे | अचक्खुदं दे ।
स३८ स ८ स ८ स ८ स०८ स ख ८ स ख ८ ८१ख ९ । ८९ ख ९ । ८९ख ९ | ८९ख ९० ८९ ख ९८ख ९।३ । ८ख ९। ३
स३८ । स ०८ | स३८ | स०८ स १ स ख ८ स ख ८ टख९९९९९९/ ८ख ९।७८ख ९।८८ख ९१९/८ख ९।९८ख।९१९/८ख ९९९
| अवधिदं दे | विरिदे । उपदे । भोग दे । लाभ दे । दान दे
स० ख ८ स ०८ स ८ स ०८ | स ८ स ८ ८ख ९।३।८।५।९८।५।९/८५।९।८।५।१८।५।९
। २०
स ख१ स०८ ८ ख ९९९ ८९९
स ८ ८९९९
स ८ स ८ ८.९९९९ ८।९९९९९ ८.९९९९९।
दत्वा शेषकभागं अवधिदर्शनावरणस्य दद्यात् । अन्तरायपञ्चकस्य स ० प्रतिभागभक्तबहुभागद्रव्यं पञ्चभि
अवधिदर्शनावरणको दें। पहले समान भागमें अपना-अपना एक भाग मिलानेपर चक्षुदर्शनावरण आदिका अपना-अपना देशघाती द्रव्य होता है। चक्षु, अचक्षु और अवधिदर्शना- २५ वरणके अपने-अपने सर्वघाती और देशघाती द्रव्योंको मिलानेपर उनके सर्वद्रव्यका प्रमाण होता है। शेष छह प्रकृतियों में सर्वघाती ही द्रव्य होता है।
___ अन्तराय कर्मके सर्वद्रव्यमें प्रतिभागका भाग दें। एक भागको अलग रख बहुभागके पाँच समान भाग करके एक-एक प्रकृतिको देवें। शेष एक भागमें प्रतिभागसे भाग देकर १. म. वुदुइंतु ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org