SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 310
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रद्धा का बीज : श्रद्धा का बीज मन में डालिए, फिर उस पर कर्म की वृष्टि कीजिए। तथागत बुद्ध ने एक बार अपने शिष्यों से कहा था - भिक्षुओं । श्रद्धा का बीज मन की उर्वरभूमि में डालो, उस पर तप की वृष्टि करो, सुकृत का कल्पवृक्ष तब स्वयं लहलहा उठेगा-'सद्धा बीजं तपो बुट्ठि' । आत्म जागरण | २८९ उस भारतीय जीवन आस्थावादी जीवन है, उसका तर्क भी श्रद्धा के लिए होता है । मैं आपसे निरी श्रद्धा —– जिसे आज की भाषा में अन्धश्रद्धा (ब्लाइण्ड फेथ ) कहते हैं, उसकी बात नहीं करता। मैं कहता हूँ, जीवन के प्रति, अपने भविष्य के प्रति, विवेकप्रधान श्रद्धाशील होने की बात । अपने विराट् भविष्य का दर्शन करना, और निष्ठापूर्वक चल पड़ना, यही मेरी श्रद्धा का रूप है । यही भारत का गरुड़ दर्शन है । हमारे जीवन में मन्थरा का दर्शन १ नहीं आना चाहिए। अपने भविष्य को, अपनी उन्नति एवं विकास की अनन्त सम्भावनाओं को, क्षुद्र दृष्टि में बन्द नहीं करना है, किन्तु उसके विराट् स्वरूप का दर्शन करना है और फिर दृढ़ निष्ठा एवं संकल्प का बल लेकर उस ओर चल पड़ना है, लक्ष्य मिलेगा, निश्चित मिलेगा। एक बार विश्वास का बल जग पड़ा, तो फिर इन क्षुद्रता के बन्धनों के टूटने में क्या देरी है" बद्धो हि नलिनी - नालैः कियत् तिष्ठति कुञ्जर ?" कमल की नाल से 44 बँधा हुआ हाथी कितनी देर रहेगा ? जब तक अपने चरण को गति नहीं दे, तब तक ही न । बस चरण बढ़े कि बन्धन टूटे। आप भी जब तक श्रद्धा से चरण नहीं बढ़ाते हैं, संशय से विश्वास की ओर नहीं आते हैं, तब तक ही यह बन्धन है, यह संकट है। बस सच्चे विश्वास ने गति ली नहीं कि बन्धन टूटे नहीं, और जैसे ही बन्धन टूटे कि मुक्ति सामने खड़ी हो ली । १. हमहूँ कहब अब ठकुर सुहाती । नाहीं तो मौन रहब दिन राती । तथा कोउ नृप होऊ हमहिं का हानी। चेरि छाड़ि कि होइन रानी । For Private & Personal Use Only Jain Education International - रामचरित मानस www.jainelibrary.org
SR No.001300
Book TitleChintan ki Manobhumi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1995
Total Pages561
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Discourse
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy