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________________ उन्हें अहिंसक बनाने में सहायक होगी और है। जापान और भारतवर्ष में व्याप्त अहिंसा की स्वस्थ राष्ट्र निर्माण में महत्त्वपूर्ण होगी। भावना बर्ड प्रोटेक्शन स्पष्ट रूप से ज्ञात होती पक्षी विज्ञान एवं अहिंसा __ है। यह बात विश्व के ऑरनिथोलोजिस्ट ने भी ____ पक्षियों के विशेषज्ञोंने संपूर्ण विश्व में यह स्वीकार की है। आव्हान किया है कि पक्षियों को मारा न जाए। सारांश में यह बात कही जा सकती है उन्हें अपना भोजन न बनाएं। रॉयल सोसाइटी कि अहिंसा का महत्त्व वर्तमान विज्ञान में शनैः फॉर बर्ड प्रोटैक्शन के तत्त्वावधान में डाक्टर शनैः समझा जाने लगा है। आवश्यकता इस बात प्रेस्ट का कहना है कि यदि पक्षियों की सुरक्षा की है कि विज्ञान के उन सभी क्षेत्रों में जहां नहीं की गयी, तो आगामी कुछ वर्षों में पक्षी "जीवों की व्याख्या की जाती है, अथवा संसार से समाप्त हो जाएंगे। पक्षियों को समाप्त “जीवों के विज्ञान के संदर्भ में कोई योजना होने से बचाने के लिए कुछ शिकारियों का बनाई जाती है, तो अहिंसा व “हिंसा''का विचार ध्यान उन्होंने आकर्षित किया और इस समस्या अवश्य करना चाहिए। इस विचार से असंख्यात से उन्हें समजाया। राज्य स्तर पर वे कानून की जीवों को मृत्यु से बचाया जा सकता है एवं सहायता लेने के लिए भी वे अग्रसर हैं। डाक्टर स्वयं उन जीवों की हिंसा से होनेवाले पाप से सलीम अली भारतवर्ष में पक्षी रक्षा में महत्त्वपूर्ण बच सकता है। जैसे-जैसे विज्ञान में प्रगति होगी, योगदान दे रहे हैं। यह कार्य अहिंसा की भावना अहिंसा का महत्त्व और स्पष्ट होता आएगा। का प्रसार करने से आसानी से संभव हो सकता नम्रता • नम्रता के तीन लक्षण हैं - कड़वी बात का मीठा जवाब देना, क्रोध के समय चुप रहना और अपराधी को सजा देते समय हृदय में कोमलता रखना। नरमाई स्वार्थ की सिद्धि के लिए तोले की कुञ्जी के समान है, परंतु व्यक्ति को धनुष की तरह उतना ही झुकना चाहिए, जितने से उसकी मजबूती में कमी न आए। अधिक नमने से हानि होने की सम्भावना रहती है। नम्रता आध्यात्मिक संस्कृति का शिला लेख है। • शिक्षित मनुष्य का मुख्य लक्षण उसकी नम्रता और सेवा-भावना है। -१४४ ती4-2, રજતજયંતી વર્ષ : ૨૫ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001295
Book TitleTirth Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmanandji Maharaj
PublisherShrimad Rajchandra Sadhna Kendra Koba
Publication Year2000
Total Pages202
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Devotion, & Articles
File Size6 MB
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