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नयविवेचनम्
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तत्र पर: सकलभावानां सदात्मनैकत्वमभिप्रैति । 'सर्वमेकं सदविशेषात्' इत्युक्ते हि 'सत्' इतिवाग्विज्ञानानुवृत्तिलिङ्गानुमितसत्तात्मकत्वेनैकत्वमशेषार्थानां संगृह्यते । निराकृताऽशेषविशेषस्तु सत्ताऽद्वैता - भिप्रायस्तदाभासो दृष्टेष्टबाधनात् । तथाऽपर: संग्रहो द्रव्यत्वेनाशेषद्रव्याणामेकत्वमभिप्रैति । 'द्रव्यम्' इत्युक्ते ह्यतीतानागतवर्तमानकालवर्त्तिविवक्षिताविवक्षित पर्याय द्रवरणशीलानां जीवाजीवतद्भेदप्रभेदानामेकत्वेन संग्रहः । तथा 'घट:' इत्युक्ते निखिलघटव्यक्तीनां घटत्वेनैकत्व संग्रह: ।
सामान्यविशेषाणां सर्वथार्थान्तरत्वाभिप्रायोऽनर्थान्तरत्वाभित्रायो वाइपर संग्रहाभासः, प्रतीतिविरोधादिति ।
पदार्थों को सत् किसी ने "सत्
कहलाता है । उसके दो भेद हैं परसंग्रहनय अपरसंग्रहनय । सकल सामान्य की अपेक्षा एकरूप इष्ट करने वाला पर संग्रहनय है । जैसे एक रूप है सत्पने की समानता होने से" ऐसा कहा इसमें "सत्" यह पद सत् शब्द, सत् का विज्ञान एव सत् का अनुवृत्तप्रत्यय अर्थात् इदं सत् इदं सत् यह सत् है यह भी सत् है इन लिंगों से संपूर्ण पदार्थों का सत्तात्मक एकपना ग्रहण होता है प्रर्थात् सत् कहने से सत् शब्द, सत् का ज्ञान एवं सत् पदार्थ इन सबका संग्रह हो जाता है अथवा सत् ऐसा कहने पर सत् इसप्रकार के वचन और विज्ञान की अनुवृत्तिरूप लिंग से अनुमित सत्ता के आधारभूत सब पदार्थों का सामान्यरूप से संग्रह करना संग्रहनय का विषय है जो विशेष का निराकरण करता है वह संग्रहाभास है, जैसे सत्ताद्वैत ब्रह्माद्वैतवाद का जो अभिप्राय है वह संग्रहाभास है, क्योंकि सर्वथा अद्वैत या अभेद मानना प्रत्यक्ष एवं परोक्ष प्रमाण से बाधित है । प्रपरसंग्रहनय - द्रव्य है ऐसा कहने पर द्रव्यपने की अपेक्षा संपूर्ण द्रव्यों में एकत्व स्थापित करना अपर संग्रहनय कहलाता है, क्योंकि द्रव्य ऐसा कहने पर प्रतीत अनागत एवं वर्त्तमान कालवर्त्ती विवक्षित तथा अविवक्षित पर्यायों से द्रवणपरिवर्तन स्वभाव वाले जीव अजीव एवं उनके भेद प्रभेदों का एक रूप से संग्रह होता है, तथा घट है, ऐसा कहने पर संपूर्ण घट व्यक्तियों का घटपने से एकत्व होने के कारण संग्रह हो जाता है ।
सामान्य और विशेषों को सर्वथा पृथक् मानने का अभिप्राय [योग ] अपर संग्रहाभास है एवं उन सामान्य विशेषों को सर्वथा अपृथक् मानने का अभिप्राय [ मीमांसक ] संग्रहाभास है, क्योंकि सर्वथा भिन्न या सर्वथा अभिन्न रूप सामान्य विशेषों की प्रतीति नहीं होती ।
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