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विषय
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३ क्षणभंगवाद :
७३ से १२५ ऊर्ध्वता सामान्य का स्वरूप प्रत्यक्ष प्रमाण से पदार्थों में अन्तय रूप प्रतीति होती है नित्यता वस्तु का स्वभाव है स्वभाव अन्य की अपेक्षा नहीं रखता अनुवृत्ताकार ज्ञान बाधित नहीं होता पदार्थ में क्षणिकपना अनुमान द्वारा भी सिद्ध नहीं होता घटादि का विनाश अहेतुक नहीं है यदि लाठो द्वारा घट का नाश नहीं होता तो लाठी के चोट के बाद भी घट जैसा का तैसा
रहना चाहिये बिजली प्रादि पदार्थ में भी सत्त्व और क्षणिकत्व का अविनाभाव नहीं है सत्व और प्रक्षणिकत्व (नित्यत्व ) में विरोध नहीं है नित्य एकांत में और अनित्य एकांत में ही अर्थ क्रिया का प्रभाव है
१०५ बौद्ध के यहां उपादान स्वरूप सिद्ध नहीं
१०७ क्षणिक वस्तु में अन्वय व्यतिरेक का अभाव है एक पदार्थ में शक्तियां नहीं माने तो उसमें अनेक स्वभाव भी नहीं मानने होंगे ?
११७ क्षण भंगवाद निरसन का सारांश
१२३-१२५ ४ संबंधसद्भाववाद :
१२६ से १७० बौद्ध द्वारा स्थूल पदार्थ निरसन
१२६ पदार्थों का परस्पर में कोई संबंध नहीं
१२७ संबंध सत् है या असत् ?
१२८ कार्य कारण भूत पदार्थ परस्पर में भिन्न है या अभिन्न ?
१३१ कार्य कारण संबंध के विषय में अग्नि और धूम का दृष्टांत लेकर विस्तृत कथन १३४-१४६ जैन द्वारा संबंधका समर्थन
१५० यदि पदार्थ परस्पर में सर्वथा भिन्न है तो रस्सी द्वारा आकर्षण असंभव है
१५१ विश्लिष्टता का त्याग करके संश्लिष्ट रूप होना ही संबंध कहलाता है
१५२
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