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प्रमेयकमलमार्तण्डे
विषयसम्बद्धत्वाविशेषेपि प्रत्यक्षानुमानयोः सामग्री भेदात्प्रमाणान्तरत्वम् ; शाब्दादीनामप्येवं प्रमाणान्तरत्वं किन्न स्यात् ? तथाहि-शाब्दं तावच्छब्दसामग्रीतः प्रभवति
___"शब्दादुदेति यज्ज्ञानमप्रत्यक्षेपि वस्तुनि ।
___ शाब्दं तदिति मन्यन्ते प्रमाणान्तरवादिनः ॥" [ ] इत्यभिधानात् । न चास्य प्रत्यक्षता; सविकल्पकास्पष्ट स्वभावत्वात् । नाप्यनुमानता; त्रिरूपलिङ्गाप्रभवत्वादनुमानगोचरार्थाविषयत्वाच्च । तदुक्तम्
मीमांसक-इसीप्रकारसे आगमादि ज्ञानोंमें भी भिन्न प्रमाणपना क्यों न माना जाय ? देखिये आगमादि ज्ञानोंकी सामग्री भी विभिन्न प्रकारकी होती है, शब्द रूप सामग्री से आगम ज्ञान प्रादुर्भूत होता है, जैसा कि कहा है-वस्तुके अप्रत्यक्ष रहनेपर भी शब्दद्वारा उसका ज्ञान हो जाया करता है, इस ज्ञानको प्रमाणान्तरवादी मीमांसक जैन आदि ने आगम प्रमाणरूप माना है ॥ १ ॥
इस शब्द जन्य ज्ञानको प्रत्यक्ष प्रमाण तो कह नहीं सकते, क्योंकि यह सविकल्प होता है एवं अस्पष्ट स्वभाववाला होता है । आगम ज्ञानको अनुमान रूप भी नहीं मान सकते, क्योंकि यह ज्ञान विरूपहेतु जन्य नहीं है, तथा अनुमानके गोचरभूत पदार्थोंको विषय भी नहीं करता है । हमारे मीमांसाश्लोकवात्तिक नामा ग्रन्थमें यही बात कही है-प्रत्यक्षके समान आगम ज्ञानमें भी अनुमानपना नहीं पाया जाता, इसका भी कारण यह है कि आगम ज्ञान त्रिरूप हेतु से विरहित है एवं अनुगेय विषयको भी ग्रहण नहीं करता । इसी कारिकाका स्पष्टीकरण करते हैं कि धूमादि हेतुसे उत्पन्न होनेवाले अनुमान ज्ञानका विषय धर्म विशिष्ट धर्मी हुआ करता है, जिसप्रकार का यह विषय है उसप्रकारका विषय शब्दजन्य ज्ञान में तो नहीं रहता न त्रिरूप हेतुत्व रहता है, यह बात तो सर्व जन प्रसिद्ध है। रूप्यहेतुता शब्दमें किसप्रकार संभव नहीं है इस बातका खुलासा करते हैं कि-धर्मीका प्रयोग होनेसे शब्दमें पक्ष धर्मत्व सिद्ध नहीं होता। इस ज्ञानका विषयभूत जो अर्थ है उसीको धर्मी माने ! इसतरहकी किसीको प्राशंका हो तो वह भी ठीक नहीं, क्योंकि शब्दका पदार्थ के साथ अविनाभाव संबंध तो है नहीं यह भी निश्चित है कि अप्रतिभासित पदार्थ में यह शब्द उस पदार्थका धर्म है इसतरहसे शब्दकी प्रतीति होना संभव नहीं । अब यदि यह मान लेवें कि पदार्थके प्रतिभासित हो जानेपर “यह उसका धर्म है" इसतरह शब्दकी प्रतीति होती है। सो यह प्रतीति कुछ उपयोगी सिद्ध नहीं होती; क्योंकि इस शब्द प्रतीति के बिना भी
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